तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाते हुए पढ़ें ये मंत्र, 1000 हजार गुना बढ़ेगी समृद्धि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तुलसी के पत्ते में श्रीहरि का वास होता है। जिस घर में तुलसी होती है वहां कभी रोग, दुख, संताप नहीं रहते। वास्तु दोष दूर करने के लिए तुलसी का पौधा घर में लगाया जाता है। यहां हम तुलसी की उत्पत्ति व एक चमत्कारी मंत्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके जाप से समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है...
तुलसी की कथा
पुराणों में वर्णित है कि तुलसी पूर्वजन्म में वृंदा नामक एक स्त्री थीं, जो भगवान विष्णु की भक्त थीं। वृंदा पतिव्रत धर्म की पक्की थीं और अपने पति जालंधर के लिए नियमित पूजा करती थीं। जिसकी वजह से जालंधर को हरापाना किसी के लिए भी संभव नही था। जालंधर के अत्याचारों से परेशान एक दिन भगवान विष्णु ने उसका रूप धारण किया और वृंदा के पास चले गए। वृंदा के चरण स्पर्श करते ही युद्धक्षेत्र में जालंधर की मृत्यु हो गई। इस पर वृंदा ने क्रोधित होकर अपने सतीत्व बल से उन्हें पत्थर का बना दिया। तीनों लोकों ने हाहाकार मच गया। जिसके बाद वृंदा ने फिर श्रीहरि को पत्थर के स्वरूप से मुक्त कर दिया। पति की मृत्यु से पीड़ित वृंदा को भगवान ने सदैव ही अपने साथ पूजे जाने का वरदान दिया। साथ ही कहा कि मेरी पूजा कभी तुलसी के बिना पूर्ण नही मानी जाएगी। तभी से भगवान के पत्थर के रूप को शालिग्राम और वृंदा को तुलसी के रूप में पूजा जाता है।
हरा-भरा रहे पौधा
ऐसा भी कहा जाता है कि जब तक घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा रहता है वहां से सुख-समृद्धि कभी भी नही जाती। नकारात्मक एवं बुरी शक्तियां भी उस घर से दूर रहती हैं। तुलसी पौधे को जल चढ़ाते हुए यह विशेष मंत्र बोला जाए तो समृद्धि का वरदान 1000 गुना बढ़ जाता है। रोग, शोक, बीमारी,व्याधि आदि से छुटकारा मिलता है।
करें इस मंत्र का जाप
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी ।
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।



Created On :   14 Oct 2017 11:19 AM IST