संकष्टी चतुर्थी: प्रथम पूज्य श्री गणेश की इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त

Sankashti Chaturthi: Lord Ganesha Worship with this method, learn Muhurta
संकष्टी चतुर्थी: प्रथम पूज्य श्री गणेश की इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त
संकष्टी चतुर्थी: प्रथम पूज्य श्री गणेश की इस विधि से करें पूजा, जानें मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य कहा गया है और इसलिए उनकी आराधना किसी भी शुभ कार्य या किसी भी पूजा के पहले की जाती है। सभी जानते हैं कि श्री गणेश को प्यार से बप्पा कहा जाता है और इनकी पूजा के लिए बुधवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। लेकिन संकष्टी चतुर्थी के दिन बप्पा की पूजा करने से वे जल्दी प्रसन्न होते हैं। उनकी पूजा से सभी कार्य निर्विघ्न संपन्न होते हैं। ज्येष्ठ माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। यह व्रत 29 मई, शनिवार को है। 

जैसा कि नाम से भी स्पष्ट होता है, संकष्टी यानी कि यह व्रत कष्टों से मुक्ति के लिए है। माना जाता है कि जो भी इस दिन व्रत और भगवान गणेश की आराधना पूरे मन और भक्तिभाव से करता है। उसे सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं संकष्टी चतुर्थी की पूजन विधि और मुहूर्त...

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संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त 
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ: 29 मई 2021, सुबह 06:33 बजे से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 30 मई 2021, सुबह 04:03 बजे तक
संकष्टी के दिन चन्द्रोदय: रात 10:25 बजे

व्रत विधि:
संकष्टी चतुर्थी के दिन यदि आप व्रत करने वाले हैं तो ध्यान रहे यह व्रत चंद्र दर्शन के बाद तोड़ा जाता है। इस पूरे दिन व्रत के दौरान व्रती या जातक फलों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा आप साबूदाना की खिचड़ी, मूंगफली और आलू भी खा सकते हैं।  

पूजन विधि
- इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद यदि आप व्रत करने वाले हैं तो संकल्प लें।
- पूजा के लिए भगवान गणेश की प्रतिमा को ईशानकोण में चौकी पर स्थापित करें। 
- इसके बाद चौकी पर लाल या पीले रंग का कपड़ा पहले बिछाएं।
- भगवान के सामने हाथ जोड़कर पूजा और व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद और फिर उन्हें जल, अक्षत, दूर्वा घास, लड्डू, पान, धूप आदि अर्पित करें।

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- इसके बाद ओम ‘गं गणपतये नम:’ मंत्र बोलें और भगवान गणेश जी को प्रणाम करें।
- इसके बाद एक थाली या केले का पत्ता लें, इस पर आपको एक रोली से त्रिकोण बनाएं।
- त्रिकोण के अग्र भाग पर एक घी का दीपक रखें।
- इसी के साथ बीच में मसूर की दाल व सात लाल साबुत मिर्च को रखें।
- पूजन के बाद चंद्रमा को शहद, चंदन, रोली मिश्रित दूध से अर्घ्य दें।
- पूजन के बाद लड्डू को प्रसाद के रूप में वितरित करें और ग्रहण करें।

 

Created On :   28 May 2021 4:42 AM GMT

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