समाज को एकता सूत्र में बांधने वाले संत ने कही थी ये महत्वपूर्ण बात

Sant Ravidas Jayanti 2022: The saint who tied society in unity had said this important thing
समाज को एकता सूत्र में बांधने वाले संत ने कही थी ये महत्वपूर्ण बात
संत रविदास जयंती 2022 समाज को एकता सूत्र में बांधने वाले संत ने कही थी ये महत्वपूर्ण बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्यकालीन भारतीय संत परंपरा में संत रविदास जी का विशिष्ट स्थान है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन रविदास जयंती मनाई जाती है। इस साल 16 फरवरी 2022 यानी बुधवार को रविदास जयंती मनाई जा रही है। संत रविदास जी को संत रैदास और भगत रविदास जी के नाम से भी जाना जाता है। संत रविदास ने देश में फैले ऊंच-नीच के भेदभाव और जाति-पात की बुराईयों को दूर करते हुए भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में बाधने का काम किया था।

संत रविदास बहुत ही सरल हृदय के थे और दुनिया का आडंबर छोड़कर हृदय की पवित्रता पर बल देते थे। इस बारे में उनकी एक कहावत- "जो मन चंगा तो कठौती में गंगा" काफी प्रचलित है। उनकी इस जयंती पर आइए जानते हैं गुरु रविदास से जुड़ी खास बातें...

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जन्मतिथि को लेकर कई मत
हिन्दू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म वर्ष 1398 में माघ महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। हालांकि उनके जन्म को लेकर कई विद्वानों का मत है कि 1482 से 1527 ईस्वी के बीच उनका जन्म हुआ था। 

इसलिए पड़ा ये नाम
हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु रविदास जी का जन्म माघ माह की पूर्णिमा तिथि को वर्ष 1398 में हुआ था। ऐसा कहा जाता है कि जिस दिन रविदास जी का जन्म हुआ था उस दिन रविवार था। इसी के चलते इनका नाम रविदास पड़ा। 

मीरा के गुरू
ऐसा भी कहा जाता है कि, संत रविदास ही भगवान श्री कृष्ण की परमभक्त मीराबाई के गुरू थे। मीराबाई को संत रविदास से ही प्रेरणा मिली थी और भक्तिमार्ग अपनाया था। कहा जाता है कि, संत रविदास ने कई बार मीराबाई की जान बचाई थी।

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जात-पात के थे विरोधी
जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात,
रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।"

Created On :   16 Feb 2022 5:12 AM GMT

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