महानवमी पर करें माता सिद्धिदात्री की पूजा, यश, बल और धन की होगी प्राप्ति, जानें शुभ मुहर्त

Shardiya navratri 9th day: know Maa Siddhidatri Worship method and muhurta
महानवमी पर करें माता सिद्धिदात्री की पूजा, यश, बल और धन की होगी प्राप्ति, जानें शुभ मुहर्त
शारदीय नवरात्र का नौवां दिन महानवमी पर करें माता सिद्धिदात्री की पूजा, यश, बल और धन की होगी प्राप्ति, जानें शुभ मुहर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र के 8 दिन पूर्ण हो चुके हैं और इस पर्व का समापन महानवमीं के साथ होता है। नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा के नौं वे स्वरूप माता सिद्धिदात्री की उपासना की जाती है, जो कि इस वर्ष 04 अक्टूबर 2022, मंगलवार को की जा रही है। पुराणों की अनुसार माता सिद्धिदात्री की उपासना स्वयं देवों के देव महादेव शिव भी करते हैं।

शास्त्रों में मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि, मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है।आइए जानते हैं माता के स्वरूप और पूजा विधि के बारे में...

शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्तः सुबह 04ः38 बजे से 05ः27 बजे तक
अभिजित मुहूर्तः सुबह 11ः46 बजे से दोपहर 12ः33 बजे तक
विजय मुहूर्तः दोपहर 02ः08 बजे से 02ः55 बजे तक
अमृत कालः शाम 04ः52 बजे से 06ः22 बजे तक
 
माता सिद्धिदात्री का रूप 
माता सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आशीन चार भुजा धारी वाली रक्ताम्बरी वस्त्रों को धारण किए होती होती हैं। इनके हाथों में क्रमशः सुदर्शन चक्र, शंख, गदा और कमलपुष्प रहता है। इनके सिर पर बड़ा और ऊंचा सा स्वर्ण मुकूट और मुख पर मंद मंद सी मुस्कान माता सिद्धिदात्री का परिचय है।

पूजा विधि
- सबसे पहले मां की तस्वीर या मूर्ति रखें। 
- इस दिन दुर्गासप्तशती के नवें अध्याय से माता का पूजन करें। 
- इसके बाद मां की आरती और हवन करना चाहिए। 
- हवन करते समय व्यक्ति को सभी देवी-देवताओं की पूजा करनी चाहिए। 
- इस दिन देवी सहित उनके वाहन, सायुज अर्थार्त अस्त्र, शस्त्र, योगनियों एवं अन्य देवी देवताओं के नाम से हवन करने का विधान बताया गया है।
- फिर माता सिद्धिदात्री का नाम लेना चाहिए। 
- इस दौरान दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक मंत्र पढ़ने चाहिए। 
- इन मंत्रों के साथ ही आहुति दें। 
- मां के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें। 
- भगवान शंकर और ब्रह्मा जी की पूजा करें फिर मां की अराधना करें। 
- माता सिद्धिदात्री को प्रसाद चढ़ाएं।  

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष /वास्तुशास्त्री/अन्य) की सलाह जरूर लें।
 

Created On :   3 Oct 2022 11:20 AM GMT

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