ये व्रत देगा दो गायों को दान देने के समान पुण्य, जानें पूजा विधि

Shukra Pradosh Vrat: This fast will give the same virtue as donation to two cows, know worship method
ये व्रत देगा दो गायों को दान देने के समान पुण्य, जानें पूजा विधि
शुक्र प्रदोष व्रत ये व्रत देगा दो गायों को दान देने के समान पुण्य, जानें पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, जो कि हर माह की त्रयोदशी के दिन रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। जानकारी के लिए बता दें कि, प्रत्येक महीने में दो प्रदोष व्रत होते हैं और दिन के तहत इनके नाम अलग अलग होते हैं। उदाहरणार्थ सोमवार को आने पर सोम प्रदोष कहलाता और शुक्रवार को शुक्र प्रदोष। फिलहाल शुक्र प्रदोष 27 मई को आने वाला है। इसे सोम प्रदोषम या चन्द्र प्रदोषम नाम से भी जाना जाता है। 

इस दिन व्रत रखने से भक्तों के अन्दर सकारात्मक विचार आते हैं और वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। शास्त्रों के अनुसार प्रदोष व्रत को रखने से दो गायों को दान देने के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। 

प्रदोष व्रत की विधि
- प्रदोष व्रत करने के लिए व्रती को सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए। 
- नित्यकर्मों से निवृ्त होकर भगवान शिव का स्मरण करें। 
- पूरे दिन उपावस रखने के बाद सूर्यास्त से पहले स्नानादि कर श्वेत वस्त्र धारण करें। 
- पूजन स्थल को शुद्ध करने के बाद गाय के गोबर से लीपकर, मंडप तैयार करें। 
- इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए रंगोली बनाएं। 
- उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें और भगवान शिव का पूजन करें। 
- पूजन में भगवान शिव के मंत्र "ऊँ नम: शिवाय" का जाप करते हुए जल चढ़ाएं।

पौराणिक तथ्य
प्रदोष व्रत को लेकर एक पौराणिक तथ्य सामने आता है कि "एक दिन जब चारों ओर अधर्म की स्थिति होगी, अन्याय और अनाचार का एकाधिकार होगा, मनुष्य में स्वार्थ भाव अधिक होगा। व्यक्ति सत्कर्म करने के स्थान पर नीच कार्यों को अधिक करेगा। उस समय में जो व्यक्ति त्रयोदशी का व्रत रखकर भगवान शिव की आराधना करेगा, उस पर शिव जी की कृपा होगी। इस व्रत को रखने वाला व्यक्ति जन्म-जन्मान्तर के फेरों से निकल कर मोक्ष मार्ग पर आगे बढ़ता है। उसे उत्तम लोक की प्राप्ति होती है।

Created On :   23 May 2022 11:46 AM GMT

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