दिन ढलने के बाद भी पक्षियों की आवाज देती है शुभ और अशुभ संकेत

डिजिटल डेस्क । पक्षियों और मनुष्यों का संबंध प्राचीन काल से चला आ रहा है, पौराणिक समय में भी विभिन्न पक्षियों को अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते देखा गया है। इसके अलावा उनका आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक और सभी से अलग है। अपने नाजुक पंखों के सहारे जमीन छोड़कर ऊपर उठना, खुले आकाश तक अपनी आवाज पहुंचाना, कहीं ना कहीं ये हमें इस बात के लिए प्रेरित करती हैं कि हमें भी अपनी समस्याओं और भौतिक जीवन के झंझावातों से ऊपर उठकर अपने लिए नए आसमान की तलाश करनी चाहिए। कई बार पक्षी हमारे लिए एक खास आध्यात्मिक संदेश लेकर आते हैं और जो लोग अलौकिक शक्तियों और उनके होने जैसी बातों पर भरोसा करते हैं वो ये बात अच्छी तरह समझते हैं।
कुछ लोग किसी पक्षी के दिखने को अपने लिए भाग्यशाली मानते हैं तो कुछ के लिए कोई पक्षी दुर्भाग्यशाली होता है। कुछ लोग मानते हैं कि ये पक्षी मृत पूर्वजों की आत्मा ही होती है, जो हमें आगे आने वाले समय के बारे में बताकर सचेत करती हैं, लेकिन अगर आप उन लोगों में से हैं जिन्हें रात को या दिन ढल जाने के बाद भी पक्षियों के चहचहाने की आवाज आती है तो हो सकता है कोई भटकती हुई आत्मा (अच्छी या बुरी) आपको कुछ कहना चाहती है या आपको कुछ दिखाना चाहती है। अब वो कौनसा पक्षी है या रात के समय कौनसा पक्षी आपको पुकार रहा है, ये बात अलग-अलग है।
जानिए किन-किन तरीकों ये पक्षी अचानक आपके सामने आ जाते हैं:
पक्षियों के रूप में फरिश्ते आपको या तो कोई संदेश देने के लिए आते हैं या फिर आपके बचाव के लिए आपको सचेत करते हैं। पक्षियों का रूप लेकर कोई मृत आत्मा आपके साथ संपर्क साधने की कोशिश करती हैं, कई बार ये पक्षी कुछ ऐसे होते हैं जिन्हें आपने पहले कभी देखा भी नहीं होता। बहुत बार, बहुत से लोगों ने अपने सपनों या परिकल्पना में पक्षियों के रूप में अपने पूर्वजों की आत्मा को देखा है। शायद इन पक्षियों के सहारे ब्रह्मांड की शक्तियां आपको कुछ कहना चाहती हैं। हो सकता है जिन पक्षियों को आप अपने सपने या परिकल्पनाओं में देखते हैं उनका आपसे कुछ खास रिश्ता है। पक्षी एक ऐसा माध्यम बनते हैं जिसके जरिए ब्रह्मांड आपको अपना कोई संदेश बताना चाहता है। ये पक्षी अपने-अपने तरीके से, बहुत से चीजों का प्रतीकात्मक स्वरूप माने जानते हैं।
अगर-अलग पक्षी अलग-अलग बात कहते हैं।
उदाहरण के लिए सफेद कबूतर शांति का प्रतीक होते हैं, कबूतर का वाहन, आसन और शैया पर बैठना तथा घर में प्रवेश करना मनुष्य के लिए अशुभ माना गया है। सफेद कबूतर का फल एक वर्ष में चितकबरे कबूतर का फल छ: महीने में और धूम्र वर्ण के कबूतर का फल तुरंत ही होता है।
- हरियल पक्षी, भारद्वाज पक्षी और स्यामा पक्षी का स्वर शुभमाना गया है। खंजन पक्षी, कमल, घोड़ा, हाथी और सर्प के मस्तिष्क पर दिखाई दे तो राज्य देने वाला होता है। पवित्र स्थान या हरी घास पर दिखाई दे तो बहुत शुभ होता है परंतु भस्म, हड्डी, घास या तीण पर दिखाई दें तो एक साल तक कठिनाई आती है।
- रात्रि में मुर्गें की बांग को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के स्वर अशुभ माने गए है। सारस पक्षी का जोड़ा अगर एक साथ शोर करे तो शुभ माना गया है।
- चील, शक्ति और अधिकार को दर्शाते हैं और बत्तख या हंस आपको बदलाव या कभी ना समाप्त होने वाले प्रेम की तरफ इशारा करते हैं हंस का दर्शन तथा पंखों का फड़फड़ाना कार्य सिद्धि का द्योतक माना जाता है।
- कुछ मान्यताओं के अनुसार आपके घर में किसी चमगादड़ का आना अशुभ संकेत माना जाता है। वहीं चमगादड़ अगर आपके घर में रुककर अपना घर बना लें तो इसे एक शुभ संकेत माना जाता है।
- बहुत ही कम लोग ऐसे होते हैं जिनके ऊपर उनकी जीवन में किसी पक्षी ने बीट की हो और अगर की भी हो तो लोग झल्ला जाते हैं, पर आपको बता दें, यह भी एक शुभ संकेत माना जाता है।
- कौवों के आचरणों में भी अनेक शुभ-अशुभ संकेत होते हैं। कौआ यदि किसी मनुष्य के मस्तक अथवा कंधे पर बैठ जाता है तो संबंधित मनुष्य को धनहानि होती है या उसकी मृत्यु हो जाती है।
- पक्षियों के क्रियाकलापों और उनके साथ घटी घटनाएं वर्षा, अल्पवर्षा और अतिवर्षा और सूखे आदि का संकेत हैं। रविवार के दिन यदि कौआ कुएं में गिरकर मर जाता है तो माना जाता है कि इस वर्ष वर्षा बहुत कम, बाढ़ अथवा तीव्र गर्मी रहेगी और वस्तुओं के भाव ऊंचे रहेंगे।
- वर्षा ऋतु में कौओं के झुंड का बिना आवाज निकाले अपने घोसले में लौटना तेज वर्षा होने का संकेत देता है, तो इसके विपरीत दिन की घनघोर घटाओं और चमकती बिजली के बीच यदि कबूतरों के झुंड आकाश में ऊंची उड़ान भरने के स्थान पर चुपचाप वृक्षों पर बैठे रहें तो उन घटाओं और बिजली चमकने का कोई अर्थ नहीं होता अर्थात वे घटनाएं बिना पानी बरसाते ही गुजर जाती हैं।
- खंजन, वर्ष के शुरू में यदि खंजन पक्षी के दर्शन हो तो पहला दिन जैसा गुजरे वैसा ही सारा वर्ष फल रहेगा।
- नीलकंठ, नीलकंठ का सामने से मिलना, प्रकट होना कार्य सिद्धि और यश प्राप्ति का सूचक है।
Created On :   24 May 2018 11:32 AM IST