Beed News: संत मुक्ताबाई की पालकी का स्वागत, वारकरी के भोजन की व्यवस्था में लगे भक्त

संत मुक्ताबाई की पालकी का स्वागत, वारकरी के भोजन की व्यवस्था में लगे भक्त
  • संत मुक्ताबाई की पालकी जिले में दाखिल
  • शुक्रवार दोहपर के समय पंढरपुर होंगी रवाना
  • संत मुक्ताबाई पालकी 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा

Beed News. आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर श्रीक्षेत्र मुक्ताईनगर से पंढरपुर के लिए रवाना हुई संत मुक्ताबाई की पालकी 19 जून की शाम के 6 बजे जिले में दाखिल हुई है। जानकारी के अनुसार संत मुक्ताबाई की पालकी का यह 317 वां वर्ष है। ऐसा इतिहास है कि हर साल जब बीड़ में पालकी आती है, तो बारिश होती है या मानसून शुरू होता है। संत मुक्ताबाई की पालकी गुरुवार शाम के 6 बजे जिले के गेवराई शहर में दाखिल हुई है । गुरुवार रात संत मुक्ताबाई पालकी गेवराई में निवास करके शुक्रवार दोपहर पंढरपुर की ओर रवाना होगी। गेवराई में श्रद्धालुओं ने वारकरी के भोजन की व्यवस्था की। संत मुक्ताबाई पालकी यात्रा में बड़ संख्या में वारकरी शामिल होते हैं। विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम संपन्न होने के बाद पालकी पंढरपुर की ओर रवाना होंगी।

संत मुक्ताबाई पालकी 600 किलोमीटर की पैदल यात्रा

संत मुक्ताई की दिंडी खानदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र से होकर 27 दिनों में 6 जिलों से होकर 600 किलोमीटर की दूरी तय करती है। आषाढी एकादशी पर पंढरपुर पहुंचती है। आषाढी एकादशी अवसर पर संत मुक्ताई पालकी को साड़ी उपहार में दी जाती है। श्रीक्षेत्र मुक्ताबाई संस्थान मुक्ताईनगर के समारोह के प्रमुख ने इसकी जानकारी दी।

Created On :   19 Jun 2025 7:52 PM IST

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