स्वामी विवेकानंद ने विश्व मंच पर हिंदू धर्म को दिलाई थी एक मजबूत पहचान, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

Swami Vivekananda Jayanti 2023: Know special things related to his life
स्वामी विवेकानंद ने विश्व मंच पर हिंदू धर्म को दिलाई थी एक मजबूत पहचान, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें
जयंती विशेष स्वामी विवेकानंद ने विश्व मंच पर हिंदू धर्म को दिलाई थी एक मजबूत पहचान, जानें उनके जीवन से जुड़ी खास बातें

डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्वामी विवेकानंद जयंती हर साल 12 जनवरी को देश और विदेश में मनाई जाती है। इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। आज देश विवेकानंद की 160वीं जयंती मना रहा है। 1893 में अमेरिका में भारतीय धर्म और दर्शन का ज्ञान देने वाले विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता में हुआ था। विवेकानंद का निधन 4 जुलाई 1902 को हुआ था। उनका पूरा नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। सम्पूर्ण विश्व में भारतीय संस्कृति की महक बिखेरने वाले संन्यासी, प्रकांड विद्वान और युग प्रवर्तक के रूप में जाने जाते हैं।

उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था, जिन्हें नरेन के नाम से भी जाना जाता है। विवेकानंद बहुत कम उम्र में ही संन्यासी बन गए थे और उनका झुकाव अध्यात्म की तरफ हो गया था। महज 25 साल की उम्र में विवेकानंद ने सांसारिक मोह माया को त्यागकर संन्यासी जीवन अपना लिया था। आइए जानते हैं जयंती पर स्वामी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें...

विश्व धर्म सम्मेलन तालियों की गूंज
स्वामी विवेकानंद की कही बातें दुनिया भर को प्रेरणा देती हैं। उन्होंने पश्चिमी देशों को योग-वेदांत की शिक्षा से अवगत कराया था। विवेकानंद ने 19वीं शताब्दी के अंत में विश्व मंच पर हिंदू धर्म को एक मजबूत पहचान दिलाई थी। अमेरिका में 11 सितंबर 1893 में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में विवेकानंद ने हिंदू धर्म पर ऐसा भाषण दिया था कि पूरा संसद तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था। इसके बाद तीन साल तक विवेकानंद ने अमेरिका में रहकर धर्म का प्रचार किया था।  

विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे। विवेकानंद के दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी के विद्वान थे। वो परिवार को छोड़कर साधु बन गए थे। स्वामी विवेकानंद अपनी तेज बुद्धि और स्मरण शक्ति के लिए जाने जाते हैं। वे हजारों पन्नों की किताबें कुछ ही घंटो में याद कर लिया करते थे। मस्तिष्क को अधिक कुशाग्र बनाने के लिए विवेकानंद ने अभ्यास भी किया था।

विवेकानन्द ने विश्व भ्रमण के साथ उत्तराखंड के अनेक क्षेत्रों में भी भ्रमण किया। इनमें अल्मोड़ा और चम्पावत में उनकी विश्राम स्थली को धरोहर के रूप में सुरक्षित किया गया है।
स्वामी विवेकानन्द पहली शख्सियत थे, जिन्होंने 'लीग ऑफ़ नेशन्स' की स्थापना से पहले साल 1897 में अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गठबंधनों और कानूनों का आह्वान किया. ताकि दुनिया के सभी राष्ट्रों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सके।

स्वामी की कही हुई खास बातें

1. हमें तब तक सीखते रहना चाहिए, जब तक हम जीवित हैं, क्योंकि अनुभव ही सबसे अच्छा शिक्षक है। 
2. ज्ञान हर जगह विद्यमान है, मनुष्य सिर्फ उसका अविष्कार करता है।
3. सबसे बड़ा पाप खुद को कमजोर समझना है।
4. दिल और दिमाग का टकराव होने पर हमेशा दिल की बात सुननी चाहिए।
5. हम जितना भी दूसरों का भला करेंगे, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा।
6. ब्रह्मांड की सारी शक्तियां हमारी हैं, लेकिन हम अपनी आंखों पर हाथ रख लेते हैं।
7. भगवान पर विश्वास करने से पहले इंसान को खुद पर विश्वास करना चाहिए।
 8. किसी की मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ा सकते तो हमें उसकी निंदा करने का भी अधिकार नहीं है।
9. जब लोग तुम्हारी बुराई करें तो बदले में उन्हें आशीर्वाद देना चाहिए।
10. इंसान की आत्मा के अलावा कोई और उसका गुरू नहीं हो सकता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   12 Jan 2023 5:42 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story