क्रिसमस विशेष : यहां दफनाए गए थे प्रभु यीशु, फिर हो उठे जीवित...

डिजिटल डेस्क, जेरूसलम। क्रिसमस, बड़े दिन की खुशियां आखिर एक बार फिर आ ही गईं। चर्चों की खूबसूरत सजावट के अलावा येशु के जन्म की झांकियां भी देखने मिल रही हैं। इसमें वे एक झोपड़े में दिखाई देते हैं। इसे कुछ स्थानों प चरणी भी कहा जाता है। क्रिसमस पश्चिमी देशों में सर्वाधिक धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है। दिसंबर की ठंड में आसमान से गिरती हुई बर्फ इस त्योहार की रौनक और बढ़ा देती है।
ये दिन थे खास
कहा जाता है कि वह रविवार का दिन था जब येशु ने येरूशलम/जेरूसलम में प्रवेश किया था। इस दिन को पाम संडे कहा जाता है। वे गधे पर बैठकर आए थे। वह दिन शुक्रवार का था जब उन्हें सूली पर चढ़ाया गया उसे गुड फ्रायडे के नाम से जाना जाता है। रविवार के दिन ही एक महिला मेरी मेग्दलेन ने उन्हें उनकी कब्र के पास ही जीवित देखा। जीवित देखे जाने की इस घटना को ईस्टर कहा जाता है। यह वह दिन था जब येशु जीवित हो उठे।
बाइबिल में मिलता है पढ़ने
बाइबिल में उनके बारे में कुछ वृत्तांत वर्णित हैं। जिनमें उनके जन्म से लेकर जेरूसलम में प्रवेश, शिष्यों को उपदेश व उन्हें सूली पर लटकाया जाना। ईसाई धर्मावलंबियों में प्रत्येक दिन का महत्व है। हालांकि क्रिसमस ट्रेडिशन्स दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग-अलग तरह की भी हैं।
यही वह जगह है
येरूशलम/जेरूसलम में प्राचीन शहर की दीवारों से लगा हुआ एक प्राचीन चर्च है। इसके बारे में कहा जाता है कि यही वजह जगह है जहां प्रभु येशु फिर से जी उठे थे। इसे चर्च ऑफ द होली सेपुल्चेर ( Church of the Holy Sepulcher ) के नाम से जाना जाता है। ऐसा भी बताया जाता है कि इसी चर्च में वह चट्टान है जहां येशु को दफनाने के लिए रखा गया था। यह भी माना जाता है कि यही वह जगह है जहां उन्होंने अंतिम भोज किया था। यहां पत्थर के तीन स्लेब्स हैं जिनके बारे में मान्यता है कि पहला वह जहां उन्हें दफनाया गया दूसरा जहां जीवित पाए गए, और तीसरा जहां उन्हें पुनः दफनाया गया।
Created On :   24 Dec 2017 3:44 AM GMT