जानें इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

Tulsi Vivah: Know importance of this day, Muhurta and worship method
जानें इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि
तुलसी विवाह जानें इस दिन का महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। इसके अगले दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम स्वरूप और माता तुलसी का विवाह कराए जाने का विधान है। हालांकि इस वर्ष दो तिथि एक साथ आने से असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ज्योतिषाचार्य की मानें तो, तुलसी विवाह नक्षत्र काल में ही संपन्न होता है। वहीं पंचाग के अनुसार, एकादशी तिथि 03 नवंबर शाम 07 बजकर 31 मिनट से शुरू होकर 04 नवंबर शाम 06 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। लेकिन सूर्य व्यापिनी एकादशी तिथि 04 नवंबर शुक्रवार को पड़ेगी। इसलिए हरिप्रबोधिनी एकादशी व्रत 04 नवंबर को ही किया जाएगा।

ज्योतिषाचार्य के अनुसा, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह की तारीखों को लेकर जो असमंजस है वह तिथि की शुरुआत और समापन को देखकर खत्म किया जा सकता है। जिसके अनुसार, इस बार कार्तिक शुक्ल द्वादशी तिथि शनिवार, 05 नवंबर को शाम 06 बजकर 08 मिनट से आरंभ होगी और रविवार, 06 नवंबर को शाम 05 बजकर 06 मिनट पर समापन होगा। ऐसे में तुलसी विवाह 05 नवंबर को किया जाएगा। आइए जानते हैं तुलसी विवाह की पूजा विधि...

तुलसी विवाह पूजा विधि-
- एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- अब भगवान सूर्य को जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
- तुलसी के पौधे को आंगन के बीचों-बीच में रखें और इसके ऊपर भव्य मंडप सजाएं। - - इसके बाद माता तुलसी पर सुहाग की सभी चीजें जैसे बिंदी, बिछिया,लाल चुनरी आदि चढ़ाएं। 
- अब विष्णु स्वरुप शालिग्राम को रखें और उन पर तिल चढ़ाएं।
- इसके बाद तुलसी और शालिग्राम जी पर दूध में भीगी हल्दी लगाएं। 
- गन्ने के मंडप पर भी हल्दी का लेप करें और उसकी पूजन करें। 
- अब हिंदू धर्म में विवाह के समय बोला जाने वाला मंगलाष्टक करें। 
- इसके बाद दोनों की घी के दीपक और कपूर से आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।


 
 

Created On :   3 Nov 2022 11:29 AM GMT

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