वास्तु के अनुसार जानें भवन में कहां होना चाहिए सीढ़ियों का निर्माण

Vastu: Learn where the building should be built stairs in house
वास्तु के अनुसार जानें भवन में कहां होना चाहिए सीढ़ियों का निर्माण
वास्तु के अनुसार जानें भवन में कहां होना चाहिए सीढ़ियों का निर्माण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सीढ़ियां किसी भी भवन का खूबसूरत भाग तो होती ही हैं, साथ ही ये प्रगति का प्रतीक भी होती हैं। सीढ़ियां जीवन में ऊपर उठने की ओर इशारा करती हैं, फिर चाहे यह भौतिक विषय में हो या आध्यात्मिक विषय में। घर या भवन में सीढ़ियों के निर्माण में विशेष सावधानी रखनी चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ियों को यदि सही दिशा में नहीं बनाया गया हो, तो इसे वास्तु दोष माना जाता है। क्योंकि घर की सीढ़ियां सीधे उस परिवार के कमाने वालों की आमदनी को बढ़ाती या उस पर हमला करती हैं। जिस कारण से परिवार वालों को आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। 

दिशा का चयन
हमने सामान्य रूप से यही पाया है कि वास्तु विशेषज्ञ दक्षिण, पश्चिम या फिर दक्षिण-पश्चिम दिशा की सलाह देते हैं। इसके अलावा इस बात का ध्यान रखें की सीढ़ियों को कभी भी उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। यदि आप सीढ़ियों के निर्माण के लिए उत्तर-पश्चिम दिशा का चयन करते हैं तो यह फिर भी सही माना जाता है। 

विषम संख्या 
सीढ़ियां सदा चौड़ी व व्यापक हों क्योंकि छोटी बनावट वाली सीढ़ियां शुभ वास्तु के अंतर्गत नहीं आती हैं। सीढ़ियां सदेव विषम संख्या होनी चाहिए जैसे कि 3,5,7,9,11,13 में ही हों।

सही स्थान
सीढ़ियों के सही स्थान के साथ वह किस दिशा की ओर घूमकर ऊपर की ओर जाती हैं इसका भी ध्यान रखना जरूरी है। वास्तु ज्ञान के अनुसार यदि घर में बना हुआ शयन कक्ष प्रथम तल पर ही है तो ऊपर जाने वाली सीढ़ियां घड़ी की दिशा में घूमनी चाहिए। लेकिन यदि शयन कक्ष प्रथम तल के अलावा अन्य किसी भी माले पर बना है तो सीढ़ियों का मुख घड़ी की उलटी दिशा में घूमना चाहिए।

रंग का प्रयोग
सीढ़ियों का प्रथम पद त्रिकोणात्मक या गोलाई में नहीं होना चाहिए। घर के बीचों-बीच एवं दरवाजे के सामने सीढ़ी नहीं होनी चाहिए। सीढ़ी में कभी भी लाल रंग का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

साफ-सफाई
वास्तु शास्त्र के अनुसार सीढ़ियों से नीचे का भाग कभी भी खाली न छोड़ें। आप यहां पर छोटा-सा कोठरीनुमा कमरा दे सकते हैं, स्टोर रूम दे सकते हैं परंतु उसे सुसज्जित या सुन्दरता से बनाएं और सदा साफ-सफाई बना कर रखें।

आर्थिक स्थिति
सीढ़ियों के सामने कोई बन्द दरवाजा नहीं होना चाहिए। सीढ़ियों के नीचे भूल से भी रसोईघर या बाथरूम नहीं बना होना चाहिए। यह आपके घर की आर्थिक स्थिति को खराब करता है।

फिश-एक्वेरियम
सीढ़ियों के नीचे फिश-एक्वेरियम या फिर कोई भी ऐसी वस्तु जो जल से संबंधित हो, न रखें। इससे अशुभता होता है और उस घर के सदस्यों को धन एकत्र करने में बहुत परेशानी आती है।

मुख्य द्वार
जो लोग स्वयं प्रथम तल पर रहते हैं और किरायेदारों को ऊपरी मंजिल पर रखते हैं उन्हें मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियों का निर्माण नहीं करना चाहिए। वास्तु विज्ञान के अनुसार इससे किरायेदार दिनोदिन उन्नति करते हैं और मकान मालिक की परेशानी बढ़ती रहती हैं।

फेरबदल 
मुख्य दरवाजे के सामने बनी सीढ़ी धन के अवसरों को समाप्त कर देती हैं इसलिए घर में प्रवेश करते ही किसी को सबसे पहले सीढ़ियां न दिखें इस बात का ध्यान रखें। यदि भूल से सीढ़ियां गलत दिशा में बन जाएं तो ऐसे में दोबारा से सीढ़ियों को तोड़कर नए सिरे से बनाने का विचार भी हम सोच में नहीं ला सकते क्योंकि सीढ़ियां ऐसी चीज हैं जिनमें यदि कुछ-भी फेरबदल करने की सोची तो उससे जुड़ी सभी चीजों को बदलना पड़ता है, तो अब ऐसे में क्या करें  ? 

वास्तु विज्ञान के अनुसार जानें सुझाव....

वास्तु विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में स्टोनपिरामिड की स्थापना कर सकते हैं। यह पिरामिड उन सीढ़ियों से उत्पन्न होने वाली नकारात्मक ऊर्जा को काट देता है। 

मिट्टी के बर्तन में बरसात का जल भरकर उसे मिट्टी के ढक्कन से ढंक दें। इसे सीढ़ी के नीचे मिट्टी में दबा दें। चिड़ियों के लिए मिट्टी के एक बर्तन में सात प्रकार के अनाज और दूसरे में पानी रखने से भी सीढ़ियों का वास्तु दोष नष्ट किया जा सकता है।

Created On :   30 Jan 2019 8:28 AM GMT

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