फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण के इन रूपों की करें पूजा  

Worship these forms of Lord Krishna in Phalgun Mass, Will virtue
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण के इन रूपों की करें पूजा  
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण के इन रूपों की करें पूजा  

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष का 12वां एवं अंतिम माह फाल्गुन है। जो कि इस वर्ष 20 फरवरी को शुरू हो गया है और 20 मार्च 2019 तक रहेगा। इस फाल्गुन मास को आनंद और उल्लास का महीना कहा जाता है। चन्द्र देव का जन्म भी फाल्गुन माह में माना जाता है। मन की चंचलता पर रोक लगाने के लिए इस माह चंद्र देव को जल अर्पित किया जाता है। फाल्गुन कृष्ण पक्ष अष्टमी को जानकी नवमी पर माता सीता का पूजन किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां जानकी का जन्म हुआ था। इस माह कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा से पुण्य फल की प्राप्ति होती है। 

फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के महापर्व पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। कई स्थानों पर तो शिवबारात निकली जाती है और इस माह में होली से ठीक आठ दिन पहले होलाष्टक आरंभ हो जाता है और इन दिनों में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है।

आमलकी एकादशी 
फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष एकादशी को आमलकी एकादशी का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा का विशेष विधान है। इस माह में शीतल जल से स्नान करना लाभदायक होता है। इस माह में अनाज का प्रयोग कम करना चाहिए और अधिक से अधिक फलों का सेवन करना चाहिए। तामसिक भोजन से भी परहेज करना चाहिए। इस माह में अधिम से अधिक रंगीन और सुंदर कपड़े धारण करना चाहिए। फाल्गुन मास अध्यात्म के साथ ही उत्सव और त्यौहारों का भी है। इस माह में विशेषरूप से दो देवताओं की पूजा की जाती है। 

तीन रूपों की पूजा
फाल्गुन मास में भगवान कृष्ण के तीन रूपों की पूजा करना चाहिए। ये तीन रूप हैं बालकृष्ण, राधा-कृष्ण और गुरु कृष्ण। पुराणों में उल्लेख है कि संतान की इच्छा रखने वालों को बाल कृष्ण की आराधना करनी चाहिए। वहीं सुख-समृद्धि चाहने वालों को राधा-कृष्ण और ज्ञान की इच्छा रखने वालों को योगोश्वर जगदगुरु कृष्ण की उपासना करनी चाहिए।

फाल्गुन मास में करें ये काम

1. आयुर्वेद और अध्यात्म में इस महीने में ठंडे जल से स्नान करना चाहिए। गर्म पानी से नहीं नहाना चाहिए। क्योंकि, मौसम में परिवर्तन के कारण शरीर में गर्म पानी से नहाने के कारण कुछ कमजोरी या संक्रमण की आशंका होती है।
2. नियमित रुप से भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए और उन्हें सुगंधित फूल चढ़ाने चाहिए।
3. हल्के कपड़े पहनने चाहिए। संतुलित श्रंगार करना चाहिए।
4. सोते समय ज्यादा गरम कंबल आदि नहीं ओढ़ने चाहिए।
5. तनाव से मुक्त रहने के लिए इस महीने में ध्यान आदि करना चाहिए।

Created On :   24 Feb 2019 12:15 PM GMT

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