स्कंद षष्ठी 2023: इस विधि सें करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानें व्रत का महत्व

स्कंद षष्ठी 2023: इस विधि सें करें भगवान कार्तिकेय की पूजा, जानें व्रत का महत्व
भगवान कार्तिकेय का जन्म भगवान शिव की तीसरी आंख से निकली चिंगारी से हुआ था

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी के रुप में माना जाता है। अधिक मास की स्कंद षष्ठी 23 जुलाई 2023, रविवार को है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माना जाता है कि भगवान कार्तिकेय का जन्म भगवान शिव की तीसरी आंख से निकली चिंगारी से हुआ था।

कार्तिकेय को मुरुगन, स्कंद, कार्तिक, सुब्रमण्यम आदि जैसे कई अन्य नामों से जाना जाता है। वहीं मान्यता है कि, विवाहित जोड़े जिनके कोई संतान नहीं है, वे इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा करे और विधि पूर्वक व्रत रखा जाता है।

शुभ मुहूर्त

तिथी का आरंभ: 23 जुलाई 2023, 11 बजकर 44 मिनट से

तिथी का समापन: 24 जुलाई 2023 दोपहर 01 जकर 42 मिनट तक

पूजा विधि

इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठें और नित्यक्रमादि से निवृत होकर स्नान करें।

साफ वस्त्र धारण करें और भगवान सूर्य को जल चढ़ाने के बाद व्रत का संकल्प लें।

घर में पूजा के स्थान को साफ करें और मंदिर में दीपक जलाएं।

एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर इस पर भगवान मुरुगन की प्रतिमा स्थापित करें।

भगवान मुरुगन का गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान का ध्यान करें और मंत्र का जप करते हुए पूजा प्रारंभ करें।

भगवान को फूल, चंदन, कुमकुम, फल और दूध को अर्पित करें।

पूजा के समय व्रत कथा पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें और अब भगवान की आरती करें और पश्चात् भोग सामग्री अर्पित करें।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग- अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   22 July 2023 2:22 PM GMT

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