नई शिक्षा नीति : पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में भी आएंगे मूल बदलाव

New Education Policy: Basic changes will also come in the process of reading and teaching
नई शिक्षा नीति : पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में भी आएंगे मूल बदलाव
नई शिक्षा नीति : पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में भी आएंगे मूल बदलाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूल में पढ़ने और पढ़ाने की प्रक्रिया में कई मूल बदलाव होंगे। स्कूली छात्रों की पाठ्य पुस्तकों में भी कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं। जहां एक ओर छात्रों को नए पाठ्यक्रम के अंतर्गत सीखने के अधिक अवसर प्राप्त होंगे, वहीं शिक्षकों को भी पढ़ाई के नए तौर-तरीके अपनाने होंगे।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, स्कूल की पाठ्य पुस्तकों में भी बदलाव किया जाएगा। जहां संभव हो, शिक्षकों के पास भी तय पाठ्य-पुस्तकों में अनेक विकल्प होंगे। उनके पास अब ऐसी पाठ्य पुस्तकों के अनेक सेट होंगे, जिसमें अपेक्षित राष्ट्रीय और स्थानीय सामग्री शामिल होगी। इसके चलते वे ऐसे तरीके से पढ़ा सके जो उनकी अपनी शिक्षण शास्त्रीय शैली और उनके छात्रों की जरूरत के मुताबिक हो।

निशंक ने कहा, शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम के बोझ में कमी, बढ़े हुए लचीलेपन और रटकर सीखने के बजाय रचनात्मक तरीके से सीखने पर जोर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि एक-राष्ट्र, एक-डिजिटल मंच के माध्यम से शिक्षा मंत्रालय हर छात्र को सीखने की प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास करेगा। प्रत्येक छात्र को कनेक्टिविटी और शिक्षा के माध्यम तक पहुंच दिलाने की कोशिश की जाएगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव किए गए हैं। स्कूली शिक्षा के लिए एक नई विकास-उपयुक्त पाठ्यचर्या और शैक्षणिक संरचना की गई है।

इसके तहत छात्रों को चार विभिन्न वर्गो में बांटा गया है। पहले वर्ग में 3 से 6 वर्ष वर्ष वर्ष की आयु के छात्र होंगे, जिन्हें प्री-प्राइमरी या प्ले स्कूल से लेकर कक्षा दो तक की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद कक्षा 2 से 5 तक का पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। उसके उपरांत कक्षा 5 से 8 और फिर अंत में 4 वर्षो के लिए 9 से लेकर 12वीं तक के छात्रों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, पाठ्यक्रम लचीलेपन पर आधारित होगा, ताकि शिक्षार्थियों को अपने सीखने की गति और कार्यक्रमों को चुनने का अवसर हो। इस तरह जीवन में अपनी प्रतिभा और रुचि के अनुसार वे अपने रास्ते चुन सकेंगे। कला और विज्ञान, पाठ्यचर्या और पाठ्येतर गतिविधियों, व्यावसायिक और शैक्षणिक धाराओं आदि के बीच कोई भेद नहीं होगा।

 

जीकेबी

Created On :   8 Aug 2020 10:30 AM GMT

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