Pune City News: रैंकिंग बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स बनाएं विश्वविद्यालय

रैंकिंग बढ़ाने के लिए टास्क फोर्स बनाएं विश्वविद्यालय
  • राज्यपाल ने कुलपतियों को दिए निर्देश
  • हर 15 दिन में तैयार करवाएं प्रगति रिपोर्ट
  • संस्कृति-परंपरा के प्रति संवेदनशील हों विद्यार्थी

भास्कर न्यूज, पुणे। विश्वविद्यालयों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग सुधारने के लिए सतत प्रयास करना आवश्यक है। हर विश्वविद्यालय में ऐसी टास्क फोर्स बनाई जाए जो 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करे।

राज्यपाल और कुलाधिपति आचार्य देवव्रत ने मंगलवार को पुणे में राज्य के कुलपतियों को ये निर्देश दिए। वे ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ और ‘विजन महाराष्ट्र 2047’ विषय पर राजभवन में आयोजित कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। राज्यपालों ने कहा कि विश्वविद्यालयों को ऐसे रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम विकसित करना चाहिए जो सीधे उद्योग जगत से जुड़े हों। शिक्षा को समाज और राष्ट्र की प्रगति से जोड़ना आवश्यक है। नए तकनीकी परिवर्तनों के अनुरूप बने रहने के लिए शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों का सतत प्रशिक्षण जरूरी है। प्रशिक्षण जितना गुणवत्तापूर्ण होगा, शिक्षा की गुणवत्ता उतनी ही बेहतर होगी। प्रशिक्षण केंद्रों के स्तर को और सुधारने की भी जरूरत है।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि महाराष्ट्र की शिक्षा व्यवस्था को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए निरंतर और संगठित प्रयास जरूरी हैं। केवल योजनाएं बनाना पर्याप्त नहीं, बल्कि उनका व्यावहारिक क्रियान्वयन भी होना चाहिए। विश्वविद्यालय विद्या और संस्कारों के केंद्र बनें। शिक्षक विद्यार्थियों से आत्मीयता से जुड़ें। दोनों के बीच संवाद और सहयोग बढ़ेगा तो विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास निश्चित होगा। विद्यार्थियों को खेल, एनसीसी और एनएसएस इत्यादि गतिविधियों में सक्रिय हिस्सा लेना चाहिए। स्वस्थ शरीर और सुदृढ़ मन ही अच्छी शिक्षा के आधार स्तंभ हैं।

संस्कृति-परंपरा के प्रति संवेदनशील हों विद्यार्थी

वे बोले कि विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति, परंपरा और नैतिक मूल्यों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। विश्वविद्यालयों को ऐसे वक्ताओं को आमंत्रित करना चाहिए जिनके विचार विद्यार्थियों को जीवन मूल्यों की प्रेरणा दें। विद्यार्थियों से संवाद बढ़ाएं, उनकी समस्याएं समझकर उचित मार्गदर्शन करें। जिस भावना से हम कार्य करेंगे, उसी भावना से विद्यार्थी भी राष्ट्र की प्रगति में योगदान देंगे। शासन, शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालयों को परस्पर सहयोग तथा सतत संवाद कायम रखना चाहिए। नियोजन, प्रशिक्षण और संस्कार जैसे त्रिसूत्रों पर काम किया गया तो महाराष्ट्र निश्चित ही देश का आदर्श शैक्षणिक राज्य बनेगा।

शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा हर तीन महीने में शैक्षणिक नीतियों से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। राज्यपाल से आग्रह है कि भविष्य में भी वे कार्यशालाओं में ऑनलाइन सहभागी होकर मार्गदर्शन दें। कार्यशाला मंत उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव वेणुगोपाल रेड्डी के अलावा राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।

Created On :   19 Nov 2025 3:09 PM IST

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