समग्र शिक्षा योजना नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के साथ संरेखित

Samagra Shiksha Yojana aligns with the recommendations of the New Education Policy 2020
समग्र शिक्षा योजना नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के साथ संरेखित
लोकसभा समग्र शिक्षा योजना नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के साथ संरेखित

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। समग्र शिक्षा योजना को नई शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के साथ संरेखित किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी बच्चों को एक समान और समावेशी कक्षा के माहौल के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो।

यह शिक्षा छात्रों की विविध पृष्ठभूमि, बहुभाषी आवश्यकताओं, विभिन्न शैक्षणिक क्षमताओं का ध्यान रखें और उन्हें सीखने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बना सके।

यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने सोमवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि यह योजना 01.04.2021 से 31.03.2026 तक पांच वर्षों की अवधि के लिए जारी रखी गई है।

समग्र शिक्षा योजना को जारी रखने के लिए, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों, स्वायत्त निकायों के साथ परामर्श की एक श्रृंखला आयोजित की गई। संशोधन के क्षेत्रों की खोज, कार्यक्रम में संशोधन और वित्तीय मानदंडों में संशोधन और हस्तक्षेपों को जोड़ने के लिए सुझाव व टिप्पणियां मांगी गईं।

संशोधित समग्र शिक्षा योजना के फिर डिजाइन किए गए प्रोग्रामेटिक और वित्तीय मानदंडों को सभी हितधारकों के साथ साझा किया गया है।

यह योजना राज्य स्तर पर एकल राज्य कार्यान्वयन सोसायटी (एसआईएस) के माध्यम से केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में कार्यान्वित की जा रही है।

इस योजना के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक अंतर्निहित व्यापक निगरानी और मूल्यांकन तंत्र भी है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ, प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (पीजीआई), शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली (यूडीआईएसई), परियोजना मूल्यांकन, बजट उपलब्धियां और डेटा शामिल हैं।

एससीईआरटी, स्कूलों और शिक्षकों द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में उपयुक्त परिवर्तनों के माध्यम से स्कूल बैग और पाठ्यपुस्तकों के वजन को कम करने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है।

इन प्रावधानों के आधार पर, समग्र शिक्षा के तहत वित्त पोषण स्कूल सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण, नए पाठ्यक्रम ढांचे के विकास के लिए, मूलभूत शिक्षा और संख्यात्मकता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल बैग को लेकर भी सभी हित धारकों से एक्शन लेने को कहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय चाहता है कि अब सभी स्कूल नई शिक्षा नीति के इस प्रावधान पर कार्रवाई करें।

ऐसा होने पर छात्रों के स्कूल बैग का वजन कम हो सकेगा। प्रत्येक कक्षा के छात्र के लिए एक स्कूल बैग के रूप में निश्चित औसत वजन से अधिक का बोझ नहीं डाला जाएगा।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि स्कूल लाने ले जाने वाली पाठ्य पुस्तकें और स्कूल द्वारा दिए जाने वाला होमवर्क भी नई शिक्षा नीति के इस प्रावधान का एक हिस्सा हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने इस विषय पर जानकारी देते हुए कहा कि इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों के अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करना और उनकी तनावमुक्त शिक्षा को प्रोत्साहित करना है।

नई शिक्षा नीति में प्रावधान है कि स्कूली पाठ्यचर्या में सामग्री में कमी, लचीलेपन में वृद्धि और रटने के बजाय रचनात्मक पर नए सिरे से जोर दिया जाएगा।

नई शिक्षा नीति यह भी कहती है कि स्कूली पाठ्यपुस्तकों में समानांतर परिवर्तन के साथ होना चाहिए। सभी पाठ्यपुस्तकों का उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण समझी जाने वाली आवश्यक मूल सामग्री (चर्चा, विश्लेषण, उदाहरण और अनुप्रयोगों के साथ) को शामिल करना होगा।

 

(आईएएनएस)

Created On :   20 Dec 2021 6:00 PM GMT

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