B'Day Spl: दिलीप कुमार भी हैं धर्मेंद्र के कायल, कहा "धरती के सबसे ज्यादा हैंडसम इंसान"
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड में ही मैन के नाम से फेमस अभिनेता धर्मेंद्र का आज जन्मदिन हैं। इस गबरू अभिनेता का जन्म 8 दिसंबर 1935 को पंजाब के लुधियाना जिले के नसराली गांव में एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम केवल किशन सिंह देओल और माता का नाम सतवंत कौर था। धर्मेंद्र के पुर्खों के गांव का नाम दगांव है जो लुधियाना के नजदीक पखोवल में स्थित है। आज अभिनेता अपना 82 वां जन्मदिन मना रहे हैं।
धर्मेंद्र ने अपनी लाइफ के शुरुआती दिन साहनेवाल गांव में बिताए थे। उन्होंने लुधियाना के लालटन कलां गांव के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से पढ़ाई की थी, जहां उनके पिता हेडमास्टर के तौर पर काम करते थे। धर्मेंद्र बॉलीवुड के सबसे वर्सेटाइल एक्टर में गिने जाते हैं। भले ही उन्हें डांसिग कम आती हो लेकिन एक्टिंग का ऐसा कोई गुण नहीं है जो उनके पास न हो। धर्मेंद्र अपनी फिल्म सत्यकाम, चुपके-चुपके, नौकर बीवी का जैसी फिल्मों में बिल्कुल अलग तरह के अभिनय के लिए जाने जाते हैं।
सबसे हैंडसम अभिनेताओं में नाम शुमार
फिल्मों में निभाए गए दमदार किरदारों के लिए धर्मेंद्र को बॉलीवुड का एक्शन किंग और ही-मैन कहा जाता है। धर्मेंद्र का फिल्मों की ओर रुझान फिल्मफेयर मैग्जीन देखकर हुआ था। धर्मेंद्र ने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे वह शीशे के सामने खड़े होकर एक्टिंग किया करते थे। जब उन्होंने मैग्जीन में पढ़ा कि किसी नए चेहरे की तलाश है तो उन्होंने फौरन अपनी फोटोज भेज दी। कुछ दिनों में ही उन्हें सेलेक्ट भी कर लिया गया। उस समय धर्मेंद्र की जैसी गबरू पर्सानैलिटी वाला कोई कलाकार फिल्मों में नहीं था। धर्मेंद्र उस समय के सबसे हैंडसम हीरो में गिने जाते थे।
विवाहित होने के कारण कई बार हुए रिजेक्ट
धर्मेंद्र ने 1960 में अर्जुन हिंगोरानी की फिल्म "दिल भी तेरा हम भी तेरे" के जरिए बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया था। हालांकि उससे पहले धर्मेंद्र रेलवे में क्लर्क की नौकरी किया करते थे। जहां उन्हें सवा सौ रुपए सैलरी मिला करती थी, लेकिन फिल्म लाइन में आने के बाद उन्हें पहली सैलरी 50 रुपए मिली। धर्मेंद्र एक स्टूडियो से दूसरे स्टूडियो पैदल जाया करते थे। धर्मेंद्र ऐसे एक्टर थे जो शादीशुदा थे, केवल 19 साल की उम्र में साल 1954 में धर्मेंद्र की शादी प्रकाश कौर के साथ हुई थी। कई बार धर्मेंद्र से लोगों ने कहा कि तुम्हें अपने गांव लौट जाना चाहिए और वहां जाकर फुटबॉल खेलना चाहिए। धर्मेन्द्र ने इन सब बातों से हार नहीं मानी और माला सिन्हा के साथ "अनपढ़", "पूजा के फूल", नूतन के साथ "बंदिनी", मीना कुमारी के साथ "काजल" जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया और अपनी पहचान बनाई।
शर्ट उतारने का ट्रेंड किया शुरू
इसके बाद वर्ष 1966 में फिल्म "फूल और पत्थर" की सफलता के बाद धर्मेंन्द्र ने बॉलीवुड में अपनी जगह बना ली। धर्मेंद्र ही पहले ऐसे एक्टर हैं जिन्होंने पहली बार किसी फिल्म में शारीरिक बल दिखाने के लिए कमीज उतार दी थी। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय के कारण वह फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किए गए। कहा जाता है कि धर्मेंद्र को सफल बनाने के लिए ऋषिकेश मुखर्जी की फिल्मों का अहम योगदान रहा है। इनमें अनुपमा, मंझली दीदी और सत्यकाम जैसी फिल्में शामिल है। धर्मेंद्र ने कई ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मों में भी काम किया। धर्मेंद्र को उनके एक खास डॉयलाग कुत्ते कमीने मैं तेरा खून पी जाउंगा के लिए भी जाना जाता है।
पहली बार अवार्ड मिलने पर हुए भावुक
फूल और पत्थर के बाद तो निर्देशकों को जैसे धर्मेंद्र को लेकर अपनी फिल्म हिट करने का फार्मूला ही मिल गया। निर्देशकों ने उन्हें अधिकतर फिल्मों में उनकी हीमैन वाली छवि को भुनाया। दिलीप कुमार भी धर्मेंद्र के कायल थे। एक बार दिलीप कुमार ने कहा था कि मैं जब भी खुदा के दर पर जाउंगा तो उनसे एक ही शिकायत करूंगा कि मुझे धर्मेन्द्र जैसा हैंडसम व्यक्ति क्यों नही बनाया। लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड मिलने के दौरान धर्मेंद्र ने कहा कि मैंने सैकड़ों फिल्मों में काम किया लेकिन मुझे कोई अवार्ड नहीं मिला, आखिरकार मुझे अब अवार्ड दिया जा रहा है मैं खुश हूं।
हेमा से प्यार की कहानी
बॉलीवुड का हर शख्स जानता था कि धर्मेंद्र शादी शुदा थे, यह बात हेमा मालिनी को भी पसंद थी, इसके बद भी फिल्मों में काम करते-करते हेमा मालिनी और धर्मेंद्र एक दूसरे के करीब आ गए, करीब 35 फिल्मों में दोनों ने एक साथ काम किया। दोनों ने 1980 में इस्लाम धर्म अपनाकर शादी कर ली थी। हालांकि हेमा मालिनी के प्यार में उन दिनों संजीव कुमार भी पड़े थे, लेकिन धर्मेंद्र उनके आस-पास किसी को फटकने नहीं देते थे। अभिनेता जितेंद्र भी हेमा मालिनी से शादी करना चाहते थे। फिल्म प्रतिज्ञा से दोनों लोग करीब आए थे, इस फिल्म में उनका जट यमला पगला दीवाना गाने पर डांस देखकर हेमा उन पर फिदा हो गई थीं। हेमा और धर्मेंद्र की बढ़ती नजदीकियों से हेमा के पिता वीएसआर चक्रवर्ती बेहद परेशान थे, लेकिन हेमा के लिए धर्मेंद्र से दूर रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा हो गया था।
भारत सरकार ने धर्मेंद्र को पद्मभूषण से नवाजा
1991 में आई सनी देओल की फिल्म "घायल" को धर्मेंद्र ने प्रोड्यूस किया था। इसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फिल्म का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। साल 2012 में सिनेमा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए भारत सरकार ने धर्मेंद्र को पद्मभूषण से नवाजा था। धर्मेंद्र ने बीजेपी की ओर से 14वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीता था। वे राजस्थान की बीकानेर से साल 2005-2009 तक सासंद भी रहे हैं। धर्मेन्द्र ने अपने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 250 फिल्मों में अभिनय किया। धर्मेंद्र एक बार फिर से अपने बच्चों के साथ फिल्म "अपने" का अगला पार्ट लेकर आ रहे हैं।
मां ने कहा था शरीब पीकर अच्छा पैर दबाता है
धर्मेंद्र अपनी मां के काफी करीब थे, उन्होंने अपनी मां के साथ का एक किस्सा बताया कि वह उस वक्त शर्मिंदा हो गए थे, जब पैर दबाते समय उनकी मां बोली कि थोड़ी पी लिया कर अच्छा पैर दबाएगा। धर्मेंद्र कहते हैं, उनके कहने का मतलब था कि मत पिया करो. मां चाहती थीं कि मेरे बच्चे अच्छे इंसान बन कर रहे।
Created On :   8 Dec 2017 1:53 PM IST