मलयालम इंडस्ट्री भी तेजी के साथ कर सकती है वापसी : दग्गुबाती
मुंबई, 18 मई (आईएएनएस)। नाइक नाइक एंड कंपनी के वेबिनार का तीसरा सत्र रिइंवेंट एंड रिडिस्कवर - टैलेंट एंड टैलेंट मैनेजर्स पर्सपेक्टिव राणा दग्गुबाती, हुमा कुरैशी, जैकी भगनानी, फिल्म निर्माता संजय गुप्ता और मधुर भंडारकर, विजय सुब्रमणियम (सह-संस्थापक और सीईओ कवान टैलेंट मैनेजमेंट एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड), कालेब फ्रेंकलिन (संस्थापक और प्रबंध भागीदार, मैटर एडवाइजर्स) और गुंजन आर्य (सीईओ- ओनली मच लाउडर) सहित सभी प्रतिष्ठित पैनलिस्टों के समर्थन के साथ काफी दिलचस्प और सूचनात्मक रहा है।
मनोरंजन उद्योग के भविष्य के पुनरुद्धार और नए बदलाव के अनुकूल होने के संदर्भ पर कुछ रोशनी डालते हुए राणा दग्गुबाती ने कहा, मनुष्य बहुत जल्द बदलाव के अनुकूल होगा और यह बात अभिनेताओं पर भी लागू होती है। यदि केवल एक ही विशेष तरीके से काम किया जा सकता है, तो उसे उस एकमात्र तरीके से ही किया जाएगा।
राणा आगे कहते हैं, मैं हैदराबाद और हिंदी सिनेमा की तुलना में विभिन्न फिल्म उद्योग की तरफ से बात कर रहा हूं, जहां नियम थोड़े अलग हैं। वह सभी इंडस्ट्री जो वापसी करेंगी, उन सभी की तुलना में शायद मलयालम उद्योग अधिक तेजी के साथ अपनी वापसी करें क्योंकि उनकी यूनिट सबसे छोटी है और इसलिए वह अधिक तेजी से फिल्में बना सकते हैं। उनके पास बहुत सीमित संसाधन है और उन्होंने इन्हीं की मदद से बड़ी फिल्में बनाई है। न्यूनतम संसाधनों के साथ काम करने के बदलाव के लिए अनुकूल होना बहुत मुश्किल नहीं है और मुझे यकीन है कि अन्य उद्योग भी इस बदलाव को बहुत तेजी से अपना लेंगे।
हुमा कुरैशी ने खुलासा किया कि कंटेंट डेवलपर्स के लिए लॉकडाउन एक अच्छा समय है, चाहे वह किसी भी फॉर्मेट के लिए हो क्योंकि सब कुछ लेखन पर ही निर्भर करता है।
हुमा ने कहा, मेरे एक लेखक मित्र के साथ मेरी बहुत दिलचस्प बातचीत हुई है कि लोग इन दिनों क्या देखने में दिलचस्पी ले रहे हैं, क्या वे कुछ धांसू या धमाकेदार देखना चाहते हैं? इस पर वहां मौजूद हर किसी की राय यह थी कि लोग कुछ ऐसा देखना चाहते हैं, जो हल्के मिजाज का हो, क्योंकि पहले से ही कोविड-19 की वजह से माहौल तनावपूर्ण है, लेकिन फिर मैंने पाताल लोक देखी और इसने मेरे होश उड़ा दिए। इसकी विषय सामग्री वाकई में बेहतर है। इसलिए लोग दोबारा इस बात का अनुमान लगा रहे हैं कि हमें आगे आने वाले समय में नई दुनिया व नई चुनौतियों को अपनाना होगा और उसके साथ सामंजस्य बिठाना पड़ेगा।
थिएटर और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अपने विचार साझा करते हुए फिल्म निमार्ता मधुर भंडारकर ने कहा, मैंने 2001 से जब फिल्मों का निर्माण करना शुरू किया, तब से मैं ऐसी कहानियों पर काम करता रहा हूं, जिनका निर्माण अब जाकर ओटीटी पर किया जा रहा है।
वह आगे कहते हैं, ओटीटी के आने से कहानी को बताने की शैली में बदलाव आया है। ऐसा लग रहा है कि कोविड के बाद इसमें और भी तेजी आएगी। प्रतिभा और फिल्में हमेशा से थी और यह आगे भी रहेगा, लेकिन लेखन, अभिनेताओं, निर्देशकों इन सभी बेहतरीन प्रतिभाओं को ओटीटी ने एक अच्छा मौका दिया है। सिनेमा और ओटीटी दोनों एक साथ अस्तित्व में रहेंगे और अच्छा कारोबार करेंगे।
नाइक नाइक एंड कंपनी ने पिंकविला के सहयोग से फेसबुक पर लाइव सत्र आयोजित किया था। तीन दिवसीय इस पहल (15-17 मई, 2020) का उद्देश्य भविष्य में कोविड-19 के बाद की योजनाओं को बनाने के बारे में अपने विचारों को साझा करना था, जिसके लिए मीडिया और मनोरंजन उद्योग की मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली व्यक्तियों को एक साथ लाया गया था।
Created On :   18 May 2020 1:30 PM IST