पद्मावती विवाद : राजघराने ने लिखा पीएम को खत, बताया इतिहास से खिलवाड़
डिजिटल डेस्क, जयपुर। संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड फिल्म "पद्मावती" अब मोस्ट कोन्ट्रोवर्शियल फिल्म बन चुकी है। इस फिल्म को लेकर राजपूत कर्नी सेना की उत्पात के बाद राजपूत समाज और राजघराने भी फिल्म के विरोध में उतर आए हैं। राजस्थान की रॉयल फैमलीज ने प्रधानमंत्री मोदी को लेटर लिखा है। दरअसल राजपूत समाज और राजघराने फिल्म को इतिहास के साथ खिलवाड़ और रानी पद्मिनी का अपमान बता रहे हैं। फिल्म के विरोध में मेवाड़ के पूर्व शाही परिवार ने पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड फिल्म के प्रदर्शन रोकने या विवादित सीन हटाने के लिए लेटर लिखा हैं।
पीएम को लेटर...
लेटर में उदयपुर-मेवाड़ शाही परिवार के एम के विश्वराज सिंह ने लिखा कि "हालांकि फिल्म निर्माताओं ने दावा किया कि फिल्म अच्छी तरह से शोध, तथ्यात्मक और इतिहास के लिए सही है, लेकिन ये उस पाठ पर आधारित है जिसे सही नहीं माना जाता है।"
"फिल्म निर्माता मलिक मुहम्मद जयासी, एक सूफी कवि ने पद्मावती पर ये किताब लिखी थी। ये काम काव्य कविता के साथ भरा हुआ है। कवि ने अपनी कविता में ऐतिहासिक व्यक्तियों के नामों का इस्तेमाल किया है, कविता का व्यापक रूप से अनुवाद किया गया है। कविता में जो दावा किया गया है, वो ऐतिहासिक रूप से सही माना जाता है।"
शाही परिवार ने ये भी दावा किया कि फिल्म में "घूमर" डांस और कई सीन्स ऐसे हैं जिनमें गलत तरह से पद्मावती के चरित्र को पेश किया जा रहा है।
महाबैठक बुलाई
इसके साथ ही आज राजपूत समाज ने महाबैठक बुलाई है। वहीं पद्मावती फिल्म के रिलीज का विरोध करने के लिए जयपुर के पूर्व राजघराने की राजकुमारी दीया कुमारी ने शनिवार को गोविंद देवजी मंदिर के एंट्री गेट पर सिग्नेचर कैम्पेन शुरू किया। इस दौरान राजकुमारी दीया ने कहा कि इस कैम्पेन में ज्यादा से ज्यादा लोगों और ऑर्गनाइजेशन को जोड़ने के लिए इसी तरह के सिग्नेचर कैम्पेन डिविजन लेवल पर भी ऑर्गनाइज किए जाएंगे। उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली से कहा है कि वो इस फिल्म को रिलीज करने से पहले इतिहासकारों के फोरम के सामने इस फिल्म की स्क्रिनिंग करें।
मध्यप्रदेश में भी विरोध
फिल्म पद्मावती के विरोध के स्वर देश के अन्य स्थानों के बाद बालाघाट में सुनाई दिए। अखिल भारतीय राजपूत क्षत्रिय युवा महासभा ने इस फिल्म की रिलीज पर विरोध करने का ऐलान किया है। अखिल भारतीय क्षत्रिय युवा महासभा प्रदेश अध्यक्ष शिवराज सिंह सकरवार ने संभागीय अध्यक्ष समीरसिंह गहरवार ने राजपूताना महिला रानी पद्मावती के चरित्र को फिल्म पदमावती में गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगाते हुए फिल्म का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि इसे फिल्म का जिले में थियेटर पर प्रदर्शन न हो, इसके लिए थियेटर संचालक और जिला प्रशासन को पत्र सौंपकर इसके प्रदर्शन न करने की मांग की जाएगी, बावजूद इसके फिल्म के रिलीज होने पर इसका उग्र विरोध किया जायेगा।
क्या है पूरा विवाद
बता दें कि "पद्मावती" फिल्म 1 दिसंबर 2017 को रिलीज होगी। कई शहरों में इसकी रिलीज रोकने की मांग हो रही है। अब इसमें राजनीतिक दल भी शामिल हो गए हैं। "पद्मावती" कई बार मुश्किलों में पड़ चकी है।
जयपुर में शूटिंग के दौरान कुछ लोगों ने संजय लीला भंसाली से बदसलूकी की थी, जिसके बाद कोल्हापुर में फिल्म का सेट लगाया तो यहां भी इसे जला दिया गया।
Created On :   12 Nov 2017 9:01 AM IST