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FAKE News: शशि थरूर ने प्रवासी मजदूरों के पलायन से जोड़कर रीट्वीट किया 2 साल पुराना वीडियो

डिजिटल डेस्क। लॉकडाउन के चलते देश में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी है। कई मजदूर बिना किसी वाहन के पैदल ही सफर करते हुए अपने-अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं। इस दौरान कई मजदूरों की भूख, बीमारी और हादसों के कारण मौत भी हुई है। मजदूरों के पलायन और उनसे जुड़ी घटनाओं को लेकर विपक्ष सरकार को आए दिन निशाना बना रहा है। इस बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। जिनका इस समय हो रहे मजदूरों के पलायन से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसा ही एक वीडिया 28 मई को ट्विटर पर शेयर किया गया। इसके साथ यह दावा भी किया गया कि, यह वीडियो में एक मजदूर मां की मौत पलायन के दौरान हुई है।
किसने किया शेयर?
इस वीडियो को हाल ही में ट्विटर पर कई यूजर्स ने शेयर किया। साथ ही इस वीडियो को मजदूरों के पलायन कि घटना के साथ जोड़कर बताया गया। इसके बाद कांग्रेस नेता अर्चना डालमिया ने भी 28 मई को इस वीडियो को शेयर करते हुए भाजपा पर निशाना साधा। अर्चना के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इसे रीट्वीट किया। हालांकि जब कुछ यूजर्स ने वीडियो के जवाब में कहा कि, यह वीडियो पुराना है, तो अर्चना ने पोस्ट को अपने ट्विटर अकाउंट से डिलीट कर दिया।
क्या है सच?
भास्कर हिंदी टीम ने पड़ताल में पाया कि, वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। दरअसल वीडियो के बारे में सर्च करने पर पाया गया कि यह वीडियो करीब 2 साल पुराना है। इस वीडियो को 13 जुलाई, 2018 में मेजर सिंह संधू नाम के फेसबुक पेज पर शेयर किया गया था। यह वही वीडियो है जिसे 28 मई,2020 को मजदूरों के पलायन से जोड़कर शेयर किया गया।
यही वीडियो 21 अक्टूबर, 2018 को Common Man Videos नाम के एक यूट्यूब चैनल पर भी शेयर किया गया था।
PIB ने वीडियो भ्रामक बताया
PIB ने भी अपने फैक्ट चेक हैंडल पर इस वीडियो को भ्रामक बताया है और लोगों से ऐसे दावों से सर्तक रहने की भी अपील की है।
निष्कर्ष : वायरल वीडियो किस घटना का है, यह अब तक स्पष्ट नहीं है। लेकिन, यह साफ है कि, यह वीडियो 2 साल पुराना है। इसका लॉकडाउन के चलते हो रहे मजदूरों के पलायन से कोई लेना-देना नहीं है।
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कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।