क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज चौहान को राजपूत दिखाए जाने पर ऐतराज जताया है? जानें सच

Has the Delhi High Court objected to Prithviraj Chauhan being shown as a Rajput? know the truth
क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज चौहान को राजपूत दिखाए जाने पर ऐतराज जताया है? जानें सच
फर्जी खबर क्या दिल्ली हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज चौहान को राजपूत दिखाए जाने पर ऐतराज जताया है? जानें सच
हाईलाइट
  • एबीपी न्यूज के नाम से वायरल ये स्क्रीनशॉट फर्जी है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। सोशल मीडिया पर इन दिनों एबीपी न्यूज की ग्राफिक प्लेट वायरल हो रही है जिसमें ऊपर की तरफ BREAKING NEWS लिखा है, और नीचे की तरफ लिखा है, ‘दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा फिल्म में राजपूत नहीं दिखाया जाएगा, गुर्जर थे सम्राट पृथ्वीराज चौहान।‘  

इस ग्राफिक प्लेट को शेयर करते हुए कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि हाईकोर्ट ने फिल्म में सम्राट पृथ्वीराज को राजपूत ने दिखाने का आदेश दिया है। इसके पीछे का कारण यह बताया जा रहा है कि पृथ्वीराज चौहान गुर्जर जाति के थे। वायरल ग्राफिक प्लेट पर कई लोग विश्वास कर रहे हैं। इसका कारण प्लेट पर एबीपी का लोगो का होना है। इस ग्राफिक प्लेट के वायरल स्क्रीनशॉट को एक फेसबुक यूजर ने पोस्ट करते हुए लिखा, ‘गुर्जर होने पर गर्व है’। 

                  गुर्जर


पड़ताल – हमारी फैक्ट चैक ने टीम ने इस वायरल स्क्रीनशॉट का सच जानने के लिए पड़ताल की तो हमें न एबीपी न्यूज की वेबसाइट और न ही इसके सोशल मीडिया हैंडल्स पर ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें हाईकोर्ट के ऐसे किसी आदेश का जिक्र हो। 
इसके साथ ही हमें एबीपी न्यूज की हाल ही की खबरों में दो प्रकार की ब्रेकिंग न्यूज ग्राफिक प्लेट्स देखने को मिलती हैं। वायरल स्रीकेनशॉट में जिस ग्राफिक प्लेट का उपयोग किया है वो इन दोनों में से किसी से भी नहीं मेल खाता। वायरल शॉट से दोनों के फॉन्ट और स्टाइल पूरी तरह से अलग हैं।

एक और महत्वपूर्ण बात, वायरल स्क्रीनशॉट में एबीपी न्यूज चैनल का जो लोगो इस्तेमाल किया गया है वो पुराना है। चैनल का लोगो दिसंबर 2020 में बदल दिया गया था। इससे साफ होता है कि पुराने लोगो का उपयोग कर फर्जी खबर को सही बताया जा रहा था।

एबीपी न्यूज ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस वायरल स्री  नशॉट को फेक बताते हुए, इस तरह की कोई भी खबर न प्रसारित करने की बात कही है।

इस पड़ताल से साफ जाहिर होता है कि एबीपी न्यूज के नाम से वायरल ये स्क्रीनशॉट फर्जी है। दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ से ऐसा कोई भी आदेश नहीं दिया गया है।      
 

Created On :   7 Jun 2022 1:08 PM GMT

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