बिहार : कोरोना काल में महागठबंधन के छोटे दलों की बैठक ने बढ़ाई सियासी हलचल

Bihar: The meeting of small parties of the Grand Alliance increased political stir in the Corona period
बिहार : कोरोना काल में महागठबंधन के छोटे दलों की बैठक ने बढ़ाई सियासी हलचल
बिहार : कोरोना काल में महागठबंधन के छोटे दलों की बैठक ने बढ़ाई सियासी हलचल

पटना, 20 मई (आईएएनएस)। चुनावी साल में कोरोना संक्रमण काल के ज्यादा खिंचने के कारण बिहार में राजनेता परेशान हैं। सभी दलों के नेता इस साल होने वाले संभावित चुनाव की तैयारियों को लेकर चिंतित हैं। इस बीच, विपक्षी दलों के महागठंधन में शामिल तीन दलों के नेताओं ने मंगलवार को बंद कमरे में बैठक कर महागठबंधन में हलचल तेज कर दी है।

पटना स्थित विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के दफ्तर में महागठबंधन में शामिल वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालासपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा शामिल हुए। इस बैठक में कांग्रेस और राजद का कोई नेता शामिल नहीं हुआ।

सूत्रों का दावा है कि इस बैठक में चुनाव को लेकर चर्चा की गई तथा सीट बंटवारे को लेकर गहन विचार विमर्श किया गया। सहनी ने बैठक के बाद कहा भी कि हम तीनों के बीच सीटों को लेकर किसी प्रकार का विवाद नहीं है और ना होगा।

उल्लेखनीय है कि मांझी कई बार सार्वजनिक तौर पर राजद के नेता तेजस्वी यादव के नेतत्व को नकार चुके हैं। इधर, राजद ने घोषणा कर दी है कि तेजस्वी के नेतृत्व में ही महागठबंधन विधानसभा चुनाव लड़ेगा। ऐसे में महागठबंधन में नेतृत्व को लेकर पेंच अभी भी फंसा हुआ है।

इधर, हम के एक नेता का दावा है कि तीनों दलों ने सीट शेयरिंग पर चर्चा की। साथ ही इस मामले पर राजद का व्यवहार भी उनके चर्चा का विषय था। लिहाजा नेता हर परिस्थिति को सामने रख एकसाथ चुनाव लड़ने की रणनीति बनाने में लगे रहे। बैठक में वाम दलों को लेकर भी चर्चा होने की बात कही जा रही है।

रालोसपा प्रमुख कुशवाहा ने बैठक को लेकर सफाई देते हुए कहा कि यह समय राजनीति का नहीं है। हमलोगों ने वर्तमान संकट की घड़ी में गरीबों और प्रवासी मजदूरों की परेशानी और सरकार की भूमिका पर चर्चा की। हम विपक्ष में हैं, लिहाजा जनता की आवाज भी हमें बनना होगा। हालांकि राजद और कांग्रेस को बैठक में बुलाने को लेकर वे कोई जवाब नहीं दे सके।

वैसे, महागठबंधन में गुटबंदी का यह कोई पहला उदाहरण नहीं है। इसके पहले भी तीनों दलों के नेता कई बार बैठक कर चुके हैं। हर बैठक में राजद की उपेक्षापूर्णा व्यवहार ही प्रमुख मुद्दा बन जाता है। महागठबंधन में शामिल दल कई बार समन्वय समिति बनाने की मांग कर चुके है, लेकिन अब तक यह समिति नहीं बन सकी है।

इस बीच, राजद ने स्पष्ट कहा कि उन्हें इस बैठक की जानकारी नहीं है। राजद के प्रवक्ता मृत्युजय तिवारी ने कहा कि महागठबंधन के किसी बैठक की उनकी पार्टी को जानकारी नहीं है। उन्होंने फिर से दोहराया कि तेजस्वी प्रसाद नेता है और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी हैं।

इधर, कांग्रेस ने महागठबंधन में किसी प्रकार के विवाद से इनकार किया है। कांग्रेस के नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि इस बैठक की कांग्रेस को कोई जानकारी नहीं है। तीनों दल महागठबंधन में मजबूती के साथ खड़े हैं और बैठक के दौरान महागठबंधन के तीनों नेताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया। जगह कम होने के कारण अन्य दलों के नेताओं को नहीं बुलाया।

Created On :   20 May 2020 3:00 PM IST

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