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भारतीय प्रतिबंध बाद चीनी एप मेकर्स ने स्थानीय कर्मचारियों की छंटनी शुरू की

हाईलाइट
- भारतीय प्रतिबंध बाद चीनी एप मेकर्स ने स्थानीय कर्मचारियों की छंटनी शुरू की
नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। सीमा विवाद के बीच 29 जून को 59 चीनी एप पर प्रतिबंध के बाद, प्रभावित कंपनियों ने देश में कर्मचारियों की छंटनी प्रारंभ कर दी है, क्योंकि उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।
अलीबाबा की अनुषांगिक यूसी वेब, जो यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज का संचालन करती है, ने पहले ही देश में अपनी सेवा बंद कर दी है, जिससे इसके गुरुग्राम और मुंबई कार्यालयों में लोगों की छंटनी प्रारंभ हो गई है। यह कंपनी प्रतिबंधित चीनी एप की सूची में शामिल है।
यूसी के एक प्रवक्ता ने कहा, हमने 59 एप से संबंधित सरकार के दिशानिर्देशों का पालन किया है और सेवा को बंद कर दिया है।
इससे पहले 7 जुलाई को जारी बयान में, यूसी ब्राउजर ने अपने भारतीय यूजर्स को चेतावनी दी थी कि अब उनका डेटा 10 जुलाई के बाद प्रयोग में नहीं लाया जा सकेगा।
बयान में कहा गया था, हम हालिया सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करेंगे..जिससे हमारी सेवा प्रभावित हो सकती है.कृपया अपने महत्वपूर्ण डेटा यूसी एप से निकाल कर अपने डिवाइस में सुरक्षित रख लें, 10 जुलाई 2020 के बाद ऐसा नहीं हो सकेगा।
दूसरी तरफ, चीन की दिग्गज कंटेंट कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाली टिकटॉक को बैन से सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, क्योंकि बैन से पहले भारत में इसके 12 करोड़ यूजर्स थे।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, बाइटडांस को करीब 6 अरब डॉलर का नुकसान होगा, क्योंकि प्रतिबंधित 59 एप्स में से इसके तीन एप शामिल हैं।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।