भारत की पाबंदी के बाद इटली, स्पेन, थाईलैंड, श्रीलंका और अमेरिका जैसे देश के मॉल में लगी लोगों की कतारें, चावल निर्यात के नियमों में बदलाव से मची हाहाकार

भारत की पाबंदी के बाद इटली, स्पेन, थाईलैंड, श्रीलंका और अमेरिका जैसे देश के मॉल में लगी लोगों की कतारें, चावल निर्यात के नियमों में बदलाव से मची हाहाकार
  • चावल के लिए विदेशों मे मचा हाहाकार
  • भारत द्वारा पाबंदी के बाद अमेरिका में भी चावल की किल्लत
  • अभी भारत चावल के निर्यात में करेगा कटौती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत ने घरेलू बाजार में चावल की आपूर्ति के लिए गैर-बासमती चावलों के निर्यात पर रोक लगा दी है। जिसका असर अब विदेशों में भी दिखने लगा है। सुपर पॉवर अमेरिका में भी चावल की किल्लत देखी जा रही है। भारत सरकार ने 20 जुलाई को यह फैसला लिया है। लेकिन एक हफ्ता भर भी नहीं बीता है कि विदेशी बाजार में चावल को लेकर हाहाकार मच गया है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अब भारत से चावल के निर्यात पर पाबंदी हटाने को कहा है। आईएमएफ ने कहा कि वह चावल निर्यात पर प्रतिबंध हटाने को लेकर भारत को प्रोत्साहित करेगा। आईएमएफ ने यह भी दावा किया कि अगर भारत चावल के निर्यात पर इसी तरह रोक लगाए रखता है तो इसका असर वैश्विक मुद्रास्फीति पर भी पड़ सकता है। इधर, भारतीय खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि गैर-बासमती किस्म उसना चावल और बासमती चावल की निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं होगा। हम आगे भी इन चावल के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाए रखेंगे।

राशन की दुकान के बाहर लगी भीड़

बता दें कि भारत अपने चावल निर्यात में इन दोनों किस्म के चावल की एक्सपोर्ट लगभग 25 फीसदी करता है। आईएमएफ के मुख्य अर्थशास्त्री पियरे-ओलिवियर गौरींचस ने कहा कि भारत के द्वारा चावल पर प्रतिबंध लगाए जाने पर दुनिया में खाद्य की कीमतों पर अस्थिरता पैदा हो सकती है। इसके बाद बाकी देश में इस पर कोई कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हम भारत को चावल के निर्यात के लिए प्रोत्साहित करेंगे। अगर भारत चावल निर्यात नहीं करता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। इंडिया गैर-बासमती सफेद चावल मुख्य रूप से इटली, स्पेन, थाईलैंड, श्रीलंका और अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है। इसिलए भारत द्वारा चावल पर बैन लगाए जाने के बाद इन देशों के मॉल और राशन की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है। इन देशों में दुकानों के बाहर लाइन की लंबी कतारे लगी है। ये लोग चावल की कमी होने के चलते ज्यादा से ज्यादा चावल की खरीदारी कर रहे हैं। ताकि आने वाले समय में उनके घरों में चावल की किल्लत ना हो सके।

भारत के सामने चुनौती

भारत ने वित्तवर्ष 2022-23 में 42 लाख डॉलर गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया था। वहीं, पिछले साल हमारे देश ने 26.2 लाख डॉलर के चावल निर्यात किए थे। भारत दुनिया को चावल ही नहीं बल्कि गेंहू, दाल समेत अन्य खाद्य प्रदार्थों का एक्सपोर्ट करता है। भारत इसलिए भी इस समय चावल को एक्सपोर्ट नहीं करना चाह रहा है, क्योंकि भारत में अलग-अलग क्षेत्रों मे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इन क्षेत्रों में चावल की खेती नहीं की गई है। साथ ही, अगर इस समय भारत चावल का एक्सपोर्ट करता भी है तो आगे चलकर देश में चावल की कमी होने की वजह से घरेलू कीमतों में उछाल देखने को मिलेगा। भारत में पिछले एक साल में खुदरा कीमतों में 11.5 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। पिछले माह की ही बात करें तो यह तीन प्रतिशत और बढ़ा है। भारत इसे भी नियंत्रित करने के लिए चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगाया है। ताकि देश के लोग आने वाले दिनों में परेशान ना हो।

Created On :   26 July 2023 12:37 PM GMT

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