अमेरिका: एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रुख में बदलाव के संकेत

एच-1बी वीजा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रुख में बदलाव के संकेत
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पहले बयान दिया था कि हर बेरोजगार को मिसाइल बनाना नहीं सिखाया जा सकता,अब उनके बयान से साफ समझ सकते है उनके रूख में बदलाव आया है।पहले ट्रंप विदेशी कामगारों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते रहे हैं और कहते थे कि इससे अमेरिकी नौकरियां छिनती हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर एच-1बी वीजा नियमों पर नरम पड़ रहे है। ट्रंप ने सख्त रुख से पीछे हटते हुए कहा है कि देश को विदेशी कुशल लोगों की जरूरत है। अब ट्रंप के बयान को पुराने रुख से बिल्कुल डिफरेंट माना जा रहा है।

ट्रंप का अब मानना है कि अमेरिका केवल लंबे समय से बेरोजगार बैठे लोगों पर डिपेंड रहकर अपने उद्योग और तकनीकी को आगे नहीं बढ़ा सकता।ट्रंप ने ये स्वीकारा कि कुछ खास कौशल हमारे पास नहीं है। ट्रंप ने कहा बेरोजगारों को सीधा नहीं कह सकते कि 'चलो, अब मिसाइल बनाना सीखो। उन्हें ट्रेनिंग और अनुभव चाहिए।

डोनाल्ड ट्रंप ने एक न्यूज चैनल में दिए साक्षात्कार को लेकर कहा कि अमेरिका को अपने उद्योगों और रक्षा क्षेत्र में विशेषज्ञता वाले लोगों की जरूरत है। उन्होंने कहा, 'मैं सहमत हूं कि हमें अमेरिकी मजदूरों की आमदनी तख्वाह बढ़ानी चाहिए, लेकिन हमें यहां टैलेंट भी लाना होगा। दुनिया में अमेरिका को आगे बनाए रखने के लिए ये सब जरूरी है।

इससे पहले यूएस ने सितंबर महीने में एक आदेश पर साइन किए थे, जिसके बाद एच-1बी वीजा आवेदन की फीस में बड़ा इजाफा किया गया। अब नए वीजा के लिए 1,500 डॉलर की जगह 1 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) शुल्क देनी होगी। यह नियम 21 सितंबर के बाद दाखिल किए गए सभी नए आवेदन या 2026 की वीजा लॉटरी में शामिल होने वालों पर लागू होगा। हालांकि, जो लोग पहले से वीजा पर हैं या जिनके आवेदन पहले दिए गए हैं, वे इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे।



Created On :   12 Nov 2025 12:44 PM IST

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