पोलिंग अधिकारी का बड़ा खुलासा: 'चुनाव में हुई धांधली, जीत रहे इमरान खान के समर्थक उम्मीदवारों को हेरफेर कर हराया'

चुनाव में हुई धांधली, जीत रहे इमरान खान के समर्थक उम्मीदवारों को हेरफेर कर हराया
  • पाकिस्तान चुनाव पर बड़ा खुलासा
  • धांधली के आरोपों पर लगी मुहर!
  • पोलिंग अधिकारी ने कबूली बात

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इमराम खान की पार्टी पीटीआई ने चुनाव में हुई धांधली के जो आरोप लगाए थे वह अब सच होते नजर आ रहे हैं। एक पोलिंग अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है। साथ ही उन्होंने दावा किया है कि इस धांधली में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त और चीफ जस्टिस भी शामिल थे। यह बड़ा खुलासा करने वाले पोलिंग अधिकारी का नाम है लियाकत अली चट्टा। स्थानीय मीडिया के मुताबिक रावलपिंडी के पूर्व आयुक्त लियाकत अली चट्टा ने अपनी गलती मानते हुए पद से इस्तीफा भी दे दिया है। बता दें कि उन्होंने यह बात उस समय की है जब जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी लंबे समय से चुनाव में धांधली के आरोप लगा रही है। इसको लेकर पार्टी ने देश के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

क्या बोले लियाकत अली चट्टा

चुनाव में हुई धांधली पर बड़ा दावा करते हुए लियाकत अली चट्टा ने कहा, 'निर्दलीय उम्मीदवार 70-80 हजार वोटों के साथ लीड पर थे। वे जीत रहे थे, लेकिन हमने नकली बैलेट पेपर के जरिए उन्हें हरा दिया। मैं अपने जुर्म की पूरी जिम्मेदारी लेता हूं।' पूर्व नौकरशाह ने आगे कहा, 'धांधली में चुनाव आयोग के अध्यक्ष और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस भी मिले हुए हैं। हमने चुनाव में हार रहे उम्मीदवारों को 50 हजार वोटों के अंतर से जिताया है। यह सब पीटीआई के समर्थन वाले निर्दलीयों को हराने के लिए किया गया। पद से इस्तीफा देते हुए लियाकत ने कहा- मैं मुल्क को तोड़ने के इस जुर्म का भागीदार नहीं बनना चाहता।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उन पर इतना ज्यादा दबाव था कि वो सुसाइड करने के बारे में भी सोच चुके थे। लेकिन, फिर उन्होंने पूरा मामला जनता के सामने रखने का फैसला किया।

वहीं इन आरोपों पर चुनाव आयोग ने भी प्रतिक्रिया दी है। आयोग ने मुख्य चुनाव आयुक्त पर लगाए चट्टा के आरोपों को खारिज किया है। आयोग ने कहा, 'पाकिस्तान चुनाव आयोग रावलपिंडी के आयुक्त की ओर से मुख्य चुनाव आयुक्त पर लगाए आरोपों को खारिज करता है। आयोग के किसी भी अधिकारी ने नतीजों को बदलने के लिए कोई निर्देश नहीं जारी किया।' उन्होंने कहा, 'चुनाव में किसी भी डिविजन के कमिश्नर को डीआरओ, आरओ या फिर पीठासीन अधिकारी के रूप में नियुक्त नहीं किया जाता है। साथ ही वे कभी चुनाव के संचालन में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाते हैं।' आयोग ने भी कहा है कि उनके आरोपों की जांच की जाएगी।

Created On :   17 Feb 2024 1:17 PM GMT

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