आजादी के पर्व को इन जगहों पर जाकर करें सेलिब्रेट, भारत के वीर सपूतों के बलिदान को याद कर जाग जाएगी देशभक्ति

आजादी के पर्व को इन जगहों पर जाकर करें सेलिब्रेट, भारत के वीर सपूतों के बलिदान को याद कर जाग जाएगी देशभक्ति

डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्वतंत्रता दिवस भारत के इतिहास के उन स्वर्ण पन्नों में से एक है जिसे क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के लिए जाना जाता है। इस साल भारत अपना 76वें स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। ऐसे में इस दिन आप अपने दिलों में देशभक्ति के भाव को जगाने और आजादी के जश्न को मनाने के लिए अपने दोस्तों और फैमली के साथ कुछ ऐसे पर्यटन स्थल या एतिहासिक जगह पर जा सकते हैं जिससे आजादी का दिन आपके लिए यादगार बन जाए। आइए जानते हैं इन जगहों के बारे में-

राष्ट्रीय शहीद स्मारक , दिल्ली

यदि आपके पास ज्यादा टाइम नहीं है और कम पैसों खर्च कर आप अपनी फैमली और फ्रेंड्स के साथ एक अच्छी जगह घूमने की इच्छा रखते हैं। तो आप देश की राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक घूमने जा सकते हैं। यह जगह आपको भारत के शहीदों के त्याग और समर्पण की भावना से परिचित कराती हैं। इसके अलावा आप ध्वजारोहण देखने के लिए दिल्ली के लाल किले और परेड देखने भी जा सकते हैं। साथ ही, आप दिल्ली में नेशनल वॉर मेमोरियल और इंडिया गेट जैसी जगह पर सैर करने भी जा सकते हैं।


जलियांवाला बाग, अमृतसर

भारत के इतिहास में इस जगह को काले दिन के नाम से भी जाना जाता है। साल 1919, 13 अप्रैल के दिन अंग्रजों ने निहत्थे भारतीयों की गोलियां से भून कर हत्या कर दी थी। जिसके बाद आज भी इस दर्दनाक और निस्साह भारतीय लोगों के खून के दाग और अवशेष को दिवारों पर देखा जा सकता हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन आप जलियांवाला बाग मेमोरियल जाकर हत्याकांड में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।


वाघा बॉर्डर, अमृतसर

वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान के बीच की बॉर्डर हैं। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में हर साल वाघा बॉर्डर पर आजादी का जश्न बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। आप अपने फैमली और फ्रेंड्स के साथ यहां जाकर भारत और पाकिस्तान के सैनिकों के बीच तालमेल को देखकर इस पल का लुत्फ उठा सकते हैं।


चंद्रशेखर आजाद पार्क, प्रयागराज

इस पार्क का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर रखा गया है। अंग्रेजों के चंगुल से भारत को आजादी दिलाने के लिए 1931 में चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश सैनिकों से लड़ते समय खुद को गोली मारकर शहीद हो गए थे। आजादी के इस पावन मौके पर आप इस जगह पर जाकर उनके बलिदान को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं। इस पार्क में उनकी एक प्रतिमा भी स्थापित की गई है।


डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   9 Aug 2023 12:11 PM GMT

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