मेहंदी लगाने की कला में अब बॉयज हैं सबसे आगे

Boys are best to art of applying henna to girls 
मेहंदी लगाने की कला में अब बॉयज हैं सबसे आगे
मेहंदी लगाने की कला में अब बॉयज हैं सबसे आगे

फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गर्ल्स हर बात में बॉयज से कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार रहती हैं, उसी तरह बॉयज भी पीछे नहीं रहना चाहते हैं। चाहे वह खाना बनाने की या फिर मेहंदी लगाने की बात हो। सिटी बॉयज का कहना है कि हम भी किसी काम में गर्ल्स से पीछे नहीं हैं। एक समय था, जब गर्ल्स ही मेहंदी लगाने में एक्सपर्ट हुआ करती थीं, पर अब लड़के भी मेहंदी लगाने के काम को अपने बाएं हाथ का खेल समझते हैं। इसमें रोजगार की समस्या भी एक कारण है।

शहर के बॉयज मेहंदी लगाने में इतने माहिर हैं कि वे फटाफट मेहंदी लगा लेते हैं। गर्ल्स हर किसी फेस्टिवल या ऑकेजन में मेहंदी लगवाती हैं। वेडिंग सीजन और फेस्टिवल सीजन में सबसे ज्यादा कमाई होती है। ब्राइडल मेहंदी का चार्ज करीब 4000 रुपए से शुरू होता है, जिसमें दोनों हाथ और पैरों में मेहंदी लगाई जाती है। इसके साथ ही कोई ब्राइड अगर कुछ अलग तरह की मेहंदी लगवाती हैं, तो उसके चार्ज बढ़ते जाते हैं। साथ ही मेहंदी के लिए पैकेज भी दिया जाता है।

धैर्य की जरूरत

सीता बर्डी के सूरज पटेल का कहना है कि मेहंदी लगाने के लिए सबसे ज्यादा धैर्य रखना पड़ता है। लगातार 3 से 4 घंटे बैठने के लिए पेशंस चाहिए होते हैं। हमारा पूरा एक ग्रुप है, जिन्होंने मेहंदी लगाना सीखा और करीब 2 साल से हम मेहंदी लगाने का काम कर रहे हैं। मेहंदी लगाना कोई आसान बात नहीं है। वेडिंग और फेस्टिवल सीजन में हमारी अच्छी-खासी कमाई हो जाती है।

गर्ल्स से ज्यादा तेजी से लगाते हैं मेहंदी

रहाटे कॉलोनी की पूजा ठाकुर के मुताबिक बॉयज गर्ल्स से ज्यादा फास्ट मेहंदी लगाते हैं। जनवरी में मैरिज के लिए मेहंदी के लिए बुकिंग करवाने आई हूं। इन बॉयज में बहुत हुनर है। मैंने तो कपल की मेहंदी लगाने की बात की है। मेरे मंगेतर भी इन्हीं से मेहंदी लगवाएंगे, जिसके लिए हमें डिस्काउंट दिया गया है। मेहंदी के दिन इनकी पूरी टीम आकर पूरे रिलेटिव्स को मेहंदी लगाने वाली है।

वेडिंग के लिए तीन महीने पहले से ही बुकिंग

प्रशांत कनौजिया का कहना है कि वेडिंग सीजन के लिए बुकिंग 3 महीने पहले से ही ली थी। इससे हमें दुकान के अलावा ब्राइड के घर जाकर ब्राइड के अलावा उसके रिलेटिव्स को भी मेहंदी लगानी पड़ती है, जिसमें लगभग पूरा दिन चला जाता है। ऐसे में दुकान संभालने के लिए एक लड़का होता है, जो रेग्युलर कस्टमर को संभालता है। मेहंदी लगाना पहले ही आती थी, इसके लिए बहुत लोग मजाक भी उड़ाया करते थे कि लड़का होकर मेहंदी लगाने का काम करता है, लेकिन आज सभी तारीफ करते हैं।

 

Created On :   12 Nov 2017 7:24 PM IST

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