जानिए हेल्थ के मामले में क्यों है ब्राउन व्हाइट से आगे?
डिजिटल डेस्क,भोपाल। जब भी हम हेल्थ और फिटनेस की बात करते हैं तो सबसे पहले डाइट जेहन में आती है। इसके बाद शुरू होती है क्या खाएं और क्या नहीं, फिर तय किया जाता है रंग। जी हां जब भी आप डाइट प्लान बनाते हैं तो उसमें साफ तौर पर हरी सब्जियां, ब्राउन रास, ब्रउन ब्रेड, ब्राउन एग्स लिखे होते हैं। हरी सब्जियों के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन क्या कभी सोचा है कि क्यों बाकी चीजों में ब्राउन हमेशा ही सफेद से आगे होता है। आइए जानते हैं ब्राउन और व्हाइट के बीच का अंतर।
ब्राउन अंडे देने वाली मुर्गियां साधारण मुर्गी से ज्यादा खाना खाती हैं। इनके देखभाल में भी ज्यादा खर्च आता है। इसलिए ब्राउन अंडे भी सफेद अंडों से महंगे बेचे जाते हैं। पोषक तत्वों के मामले में ब्राउन अंडे सफेद से बेहतर विकल्प हैं, क्योंकि इनमें सफेद अंडों से ज्यादा ओमेगा फैटी ऐसिड होता है।
ब्राउन ब्रेड का सेवन करने से हमारे शरीर में कोलेस्ट्रोल को आसानी से कम किया जा सकता है। इसका सेवन करने से आप दिल से संबंधित बीमारी के रिस्क से बचे रहते हैं और इसके सेवन करने से हार्ट अटैक होने की आशंका कम होती है।
- अगर हम बात ब्रेड के बारे में करें, तब हम इस बात को बिल्कुल भी नजर अंदाज नहीं कर सकते कि ये हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा है। आजकल लोग मैदे की बजाय ब्राउन ब्रेड का अधिकत्तर इस्तेमाल कर रहे हैं।
- यदि आप फिट रहना चाहते हैं तो आपके लिए ब्राउन ब्रेड से अच्छा विकल्प ओर कुछ नहीं है। क्योंकि ब्राउन ब्रेड धीरे-धीरे करके डाइजेस्ट होता है। जिससे हमें भूख जल्दी नहीं लगती।
- ब्राउन ब्रेड का सेवन करने से हमें बहुत ही फायदा मिलता है।
- ब्राउन ब्रेड में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं जैसे कि, विटामिन बी 6, जिंक, कॉपर, फाइबर आदि। यह हमारी एनर्जी लेवल को कम करने में मदद करते हैं।
ब्राउन राइस की सबसे बाहरी परत को उतार दिया जाता हैं, जिससे उनका सारा पोषण बरकरार रहता हैं। जब ब्राउन राइस भूसी हटाने के लिए मील में जाता हैं तब वो सफेद चावल बनता हैं। जिसके चलते उसका सारा पोषण खत्म हो जाता हैं। मील के दौरान इस चावल का एलियोरीन नाम के पोषण की परत उतर जाती हैं जिसमें कई अहम फैट मौजूद होते हैं। अगर हम ब्राउन चावल की सफेद चावल से तुलना करे तो ब्राउन चावल बेहद पौष्टिक होता हैं। ब्राइन चावल मैंगनीज और फास्फोरस, सेलेनियम, तांबा और नियासिन का बड़ा स्रोत होता हैं। बस अंतर यही होता हैं कि सफेद चावल को बनाने के लिए 67 प्रतिशत विटामिन बी3, 90 प्रतिशत बी6, 80 प्रतिशत बी1, 60 प्रतिशत लोहे और मैंगनीज जैसे अहम पोषण निकल जाते हैं। सफेद चावल का स्वाद बेहतर होता हैं क्योंकि उसमें पोषक तत्व निकल चुके होते हैं।
Created On :   2 Sept 2017 10:45 AM IST