‘बी पॉजिटिव, नो निगेटिव’ दैनिक भास्कर के कार्यक्रम में पं. मेहता ने दिए जीवन जीने के टिप्स

Pandit Vijayashankar Mehta gave the formula of positive life in Dainik Bhaskars Program
 ‘बी पॉजिटिव, नो निगेटिव’ दैनिक भास्कर के कार्यक्रम में पं. मेहता ने दिए जीवन जीने के टिप्स
 ‘बी पॉजिटिव, नो निगेटिव’ दैनिक भास्कर के कार्यक्रम में पं. मेहता ने दिए जीवन जीने के टिप्स
हाईलाइट
  • थॉटलेस ब्रिदिंग के बताए फायदे
  • दैनिक भास्कर के कार्यक्रम में पं. मेहता ने दिए जीवन जीने के टिप्स
  • पं. मेहता ने ‘बी पॉजिटिव
  • नो निगेटिव’ का सूत्र दिया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रख्यात जीवन प्रबंधन गुरु पंडित विजयशंकर मेहता ने ‘नो निगेटिव लाइफ’ (शांतिप्रिय जीवन) के लिए ‘बी पॉजिटिव, नो निगेटिव’ का सूत्र दिया। पं. मेहता ने कहा कि हम शरीर से निकलने वाली तरंगों को सकारात्मक रखकर व्यक्तित्व में परिवर्तन ला सकते हैं। ‘थॉटलेस ब्रिदिंग’ करने से प्रोफेशनल, फैमिली और पर्सनल लाइफ में सफलता मिलेगी। दैनिक भास्कर की ओर से सोमवार को ‘नो निगेटिव लाइफ’ विषय पर पं. विजयशंकर मेहता के व्याख्यान का आयोजन नागपुर के अजंता हॉल में किया गया। इस अवसर पर बतौर वक्ता पं. मेहता ने सकारात्मक जीवन जीने के गुर सिखाए। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति शांति की तलाश में हैं। हमें तीन बातें कभी नहीं भूलनी चाहिए कि हर व्यक्ति की प्रोफेशनल, फैमिली और पर्सनल लाइफ होती है। हमारा निर्माण शरीर, मन और आत्मा से हुआ है। हमारे शरीर का एनर्जी लेवल दिन में चार बार बदलता है। सूर्योदय से एक घंटे पहले और बाद में हमारा एनर्जी लेवल 100 प्रतिशत पॉजिटिव होता है। दोपहर 12 से 2 बजे के बीच 50 प्रतिशत पॉजिटिव और 50 प्रतिशत निगेटिव, शाम 5 से 7 बजे तक 100 प्र.श. निगेटिव और रात 9 से 11 बजे के मध्य मन में उपद्रव शुरू होता है। समय के अनुसार हमें सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग करना होगा। 

थॉटलेस ब्रिदिंग के बताए फायदे
उन्होंने सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए थॉटलेस ब्रिदिंग का सूत्र देते हुए कहा कि ध्यान करते समय अपने विचारों को रोक दें। केवल 10 थॉटलेस ब्रिदिंग से मन 18 घंटे नियंत्रण में रहेगा।  जीवन में हर प्रकार के दबाव से बचने के लिए ध्यान करें।

गौमाता-माता से 24 घंटे निकलती है सकारात्मक ऊर्जा
अनेक देशों में जीवन प्रबंधन के गुर सिखा चुके पं. मेहता ने कहा कि दुनिया में दो लोगों से 24 घंटे सकारात्मक ऊर्जा निकलती रहती है गौमाता और माता। मां से फोन पर बात करने से ही हम सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर हो जाते हैं। फोन पर बात न हो तो मां को याद करने से भी मन स्थिर हो जाता है। 


सात समुंदर पार बच्चों तक पहुंचती हैं नकारात्मक तरंगें
पं. मेहता ने कहा कि माता-पिता के शरीर से 24 घंटे तरंगें निकलती रहती हैं जो सात समुंदर पार भी बच्चों तक पहुंचती हैं। यदि आपकी सोच नकारात्मक होगी तो शरीर से तरंगें भी नकारात्मक निकलेगी। इसलिए अपनी तरंगों को 24 घंटे में थोड़े समय के लिए सकारात्मक रखने की कोशिश करें। आरंभ में पं. मेहता का सत्कार दैनिक भास्कर के संचालक सुमित अग्रवाल ने पुष्पहार से किया। संचालन व आभार प्रदर्शन समन्वय संपादक आनंद निर्बाण ने किया। कार्यक्रम में समूह संपादक प्रकाश दुबे , संपादक मणिकांत सोनी, संजय देशमुख, सुनील हजारी, सतीश रांका, सुप्रियोदास गुप्ता, यशवंतसिंह चंदेल, प्रभु शंकर प्रमुखता से उपस्थित थे।

Created On :   24 Dec 2018 9:28 AM GMT

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