जर्नल ऑफ फैमिली साइकॉलजी में छपी स्टडी के लिए रिसर्च टीम ने 695 परिवारों पर अध्ययन किया। इन परिवारों ने स्टडी ऑफ अर्ली चाइल्ड केयर ऐंड यूथ डिवेलपमेंट में हिस्सा लिया था। मांओं और पिताओं ने उस वक्त के अपने बच्चों से रिश्तों की रेटिंग की जब वो एक, तीन, चार और पांच ग्रेड में थे। इन्हीं बच्चों ने उस दौरान अपने अकेलेपन की रेटिंग की।
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पापा की लाड़लियों में होती है ये खूबियां
डिजिटल डेस्क। अगर आप बेटी के पिता हैं तो ये खबर आपके बेहद काम की है। एक स्टडी की मानें तो पिता के साथ बेटियों का करीबी रिश्ता उनको अकेलेपन से उबरने में मदद करता है। एक स्टडी के मुताबिक लड़कियां जब पहले ग्रेड से पांचवें ग्रेड तक पहुंची तो वो धीरे-धीरे अकेला महसूस करना कम कर देती हैं, लेकिन उन लड़कियों में अकेलापन और जल्दी घटता पाया गया जो अपने पिता के काफी करीब थीं। स्टडी के को-ऑथर शिन फेंग बताते हैं, 'पिता और बेटी के बीच बॉन्ड बेहद अहम है। हमें ये पता चला कि पिता और बेटी के बीच नजदीकी से बेटियां सुरक्षित महसूस करती हैं और अकेलेपन से जल्दी उबरती हैं।'


रिजल्ट्स में पता चला कि इस दौरान नजदीकी घटनी शुरू हुई जबकि कॉन्फ्लिक्ट बढ़ने लगे। लीड ऑथर जूलिया बताती हैं, 'यह वो वक्त होता है जब बच्चे ज्यादा इंडिपेंडेंट हो रहे होते हैं, दोस्तों के साथ रिश्ते बना रहे होते हैं और घर के बाहर ज्यादा वक्त बिताते हैं।'

इसलिए वह अपने पैरंट्स से कम क्लोज हो जाते हैं और अपनी मर्जी चलाने की कोशिश करते हैं तो झगड़े बढ़ जाते हैं। अकेलापन तब भी कम होने लगता है जब बच्चे अपने साथ के लोगों के साथ रिश्ते बना रहे होते हैं, लेकिन स्टडी में ये बात भी सामने आई कि बच्चों में एक ही दर से अकेलापन कम नहीं होता। इसमें उन लड़कियों का प्रदर्शन बेहतर रहा जो अपने पिता के करीब थीं।

इस स्टडी में मां के साथ रिश्ते का इफेक्ट नहीं पता चला लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे महत्वपूर्ण नहीं हैं। रिजल्ट में यह बात सामने आई कि पिता को बच्चों के साथ रिश्तों को समय देना चाहिए खासकर लड़कियों के।