साइंस ने भी माना सावन में मेहंदी लगाने से होते हैं फायदे
डिजिटल डेस्क । सावन का महीना, बारिश की रिमझिम बूंदे, हरियाली और खुशनुमा मौसम लेकर आता है। इस दौरान आपको प्रकृति की शक्ति और खूबसूरती दोनों ही देखने को मिलती है। इस महीने को शास्त्रों में भी काफी पवित्र बताया गया है। श्रावण मास में व्रत-उपवास का भी काफी महत्व होता है और कई अन्य रीती-रिवाज भी इस मौसम में निभाए जाते हैं। जैसे हाथों में मेहंदी लगाना। भारत में मेहंदी लगाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है। हर उम्र की महिलाओं को मेहंदी की पत्तियां लुभाती रही हैं। देश के लगभग हर प्रदेश में मेहंदी लगाने का रिवाज है।
ये पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग में लाई जाती है और इसे सुहाग का भी प्रतीक माना जाता है। सावन में तीज और त्यौहार का खास महत्व होता है। महिलाओं के लिए ये महीना काफी साज और सज्जा का होता है, जिसमें वो कई तरह का श्रृंगार करती हैं और खुश रहती हैं। सावन का महीना भगवान शिव और पार्वती का महीना माना जाता है और सभी महिलाएं पार्वती को श्रृंगार सामान चढ़ा कर उसे खुद भी अपनाती हैं और उसमें मेहंदी खास होती है।
मेहंदी लगाना बालों के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। मेहंदी को गलाकर बालों में लगाने से बाल सॉफ्ट, शाइनी और डैंड्रफ प्री होते हैं।
हाथों और पैर के तलवों में मेहंदी लगाने से शरीर की गर्मी कम होती है। मेहंदी में कई औषधीय गुण भी शामिल हैं। मेहंदी की शीतलता तनाव, सिर दर्द और बुखार से राहत दिलाती है। मेंहदी लगाने से त्वचा संबंधी कई रोग दूर होते हैं। साथ ही त्वचा की खुश्की भी दूर होती है।
सावन बारिश का महीना होता है, इस महीने में कई प्रकार की बीमारियां फैलने लगती हैं और आयुर्वेद में हरा रंग कई रोगों की रोक-थाम में कारगर माना गया है। मेहंदी की खुशबू और ठंडक स्ट्रेस को भी कम करती है। यही वजह है कि मेहंदी लगाना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। तासीर में ठंडी होने के कारण मेहंदी का उपयोग शरीर में बढ़ी हुई गर्मी को कम करने में किया जाता है।
कहा जाता है, सावन में मेहंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार भी अधूरा माना जाता है। सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा है, जिसमें ये कहा जाता है कि मेहंदी लगाने से पति-पत्नी का रिश्ता मजबूत होता है। ये भी आपने सुना ही होगा कि मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है उतना ही पति पत्नी में प्यार बढ़ता है और उनका रिश्ता मजबूत होता है। मेहंदी के बिना महिलाओं का श्रृंगार अधूरा माना जाता है। धार्मिक महत्व रखने के साथ-साथ मेहंदी लगाने का वैज्ञानिक कारण भी है।
Created On :   6 Aug 2018 11:35 AM IST