सर्दियों में ऐसे रखें बच्चों का खास खयाल

winter tips : Keep such children in winter season special care
सर्दियों में ऐसे रखें बच्चों का खास खयाल
सर्दियों में ऐसे रखें बच्चों का खास खयाल

डिजिटल डेस्क। जैसा कि आप देख रहे हैं जनवरी का महीना चल रहा और कड़ाके की ठंड पड़ रही है। सर्द हवाओं ने अपना घेरा डाला हुआ है। ऐसे में तो अच्छे - अच्छों की कुल्फी जम जाती है। ऐसे में बच्चों के लिए तो और भी ज्यादा केयर की जरुरत होती है। जरा सी लापरवाही से बच्चों को कोल्ड डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों का खतरा रहता है। इसके लिए जरुरी है कि ऐसे में बच्चों की, खासकर नवजात बच्चों की ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है। जाने सर्दियों के मौसम में बच्चों की कैसे देखभाल करें।

सर्दियों के दिनों में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए। सबसे ज्यादा संवेदनशील और नाजुक बच्चों का सिर होता है इसलिए उन्हें टोपी पहनाकर रखना चाहिए। जहां तक संभव हो मां नवजात को अपनी गोद में रखे इससे वो गर्म रहते हैं और हाइपोथर्मिया से बचे रहते हैं। अगर बच्चे प्रीमेच्योर हो तो उन्हें कंगारू मदर केयर देना चाहिए। इससे बच्चे हाइपोथर्मिया से बचते हैं।


बच्चों को रोजाना बंद कमरे में नहलाएं याद रखें कि रूम का तापमान नॉर्मल हो। ज्यादा जरूरत हो तो गुनगुने पानी से नहलाया या स्पंजिंग की जा सकती है। नहाने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए या गुनगुने तेल से हल्की मालिश करनी चाहिए। जरुरी बात बच्चों को ज्यादा देर बिना कपड़ों के नहीं रखना चाहिए। कोल्ड डायरिया बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए डायरिया होने पर भी नवजात की ब्रेस्ट फीडिंग बंद नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही गुनगुने पानी में ओरआरएस का घोल भी दिया जा सकता है। बच्चा एक साल से ऊपर का है और उसे लगातार खांसी आ रही है तो उसे वेज सूप भी आप पिला सकते हैं। 


नवजात को हमेशा दूध सिर ऊंचा करके पिलाना चाहिए। दूध पिलाने के बाद उसकी पीठ थोड़ी थपकाकर करवट लिटाना चाहिए या गोद में लिए रहना चाहिए। गंदी बोतल में दूध देने से भी बच्चों को इंफेक्शन हो जाता है जिससे डायरिया होने लगता है। इसलिए जहां तक संभव हो नवजात को केवल ब्रेस्ट फीडिंग करवानी चाहिए और अगर बोतल से दूध पिला भी रहीं हैं तो पहले बोतल को गरम पानी से धो लें। बड़े बच्चों को कटोरी और चम्मच से दूध पिलाना चाहिए। अगर बोतल का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो हर बार उबालने के बाद ही दूध देना चाहिए। अक्सर माताएं बचे हुए दूध को बच्चे को बार- बार पिलाती रहती हैं जो उसे नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए बचे हुए दूध का दोबारा इस्तेमाल न करें।

 

Created On :   5 Jan 2019 6:58 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story