ज्ञानवापी मस्जिद मामले में एएसआई कर सकता है शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच: इलाहाबाद HC
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को बिना क्षति पहुंचाए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने की अनुमति दे दी है। यह आदेश जस्टिस अरविंद कुमार मिश्र ने लक्ष्मी देवी और अन्य की याचिका पर दिया है। इससे पहले वाराणसी अदालत ने शीर्ष कोर्ट की यथास्थिति कायम रखने के आदेश के चलते कार्बन डेटिंग जांच कराने से मना कर दिया था, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उच्च न्यायालय ने वाराणसी की अदालत के आदेश को रद्द कर दिया है।
कोर्ट ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह से पूछा था कि क्या शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए बगैर कार्बन डेटिंग से जांच की जा सकती है क्योंकि इस जांच से शिवलिंग की आयु का पता चलेगा। एएसआई ने कहा- बिना क्षति शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच की जा सकती है। हाईकोर्ट ने शिवलिंग' की कार्बन डेटिंग पर एएसआई को 8 सप्ताह में स्पष्टीकरण देने को कहा।
जानिए कार्बन डेटिंग?
आपको बता दें कार्बन डेटिंग ऐसी चीजों की जाती है, जिनमें कार्बन रहा हो। हर सजीव में कार्बन होता है, उसके मरने के बाद बचे हुए अवशेष की गणना कार्बन डेटिंग से की जाती है। जिनमें हड्डी, लकड़ी का कोयला, सीप, घोंघा इन सभी चीजों के मृत हो जाने के बाद ही इनकी कार्बन डेटिंग की जाती है।
Created On :   12 May 2023 6:29 PM IST