US Tariff: रूस से कच्चे तेल की डिलीवरी के लिए चीन ने खरीदे 15 कार्गे, ट्रंप की चेतावनी के बाद भारत की मांग हुई कम

रूस से कच्चे तेल की डिलीवरी के लिए चीन ने खरीदे 15 कार्गे, ट्रंप की चेतावनी के बाद भारत की मांग हुई कम
  • अमेरिकी टैरिफ का चीन पर असर हुआ कम
  • रूस से चीन ने कच्चे तेल की बढ़ाई मांग
  • रूस से भारत की कच्चे तेल की मांग हुई कम

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। अमेरिकी टैरिफ का चीन के सामने असर कम होते हुए दिखाई दे रहा है क्योंकि रूस ने कच्चे तेल के दामों में घटती कर दी है और भारत को ऑफर भी दिया है। इस बीच चीनी रिफाइनरियों ने रूस से कच्चे तेल की खरीदी को बढ़ा दी है। भारत की बात करे तो रूस से कच्चे तेल की मांग कम हो गई हैं।

केपलर कंपनी के सीनियर एनालिस्ट मयू शू ने बताया कि चीन का यह कदम 'अवसरवादिता से भरा' हुआ है, क्योंकि रूसी तेल मिडिल ईस्ट के मुकाबले कम से कम 3 डॉलर प्रति बैलर सस्ता हो गया है। बता दें कि ये कंपनी कमोडिटी और शिपिंग डेटा ट्रैकिंग है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय सरकारी रिफाइनरियों ने पिछले महीने से रूसी कच्चे तेल की खरीद पर रोक लगा दी है। एनर्जी एस्पेक्ट्स के जोन्स के अनुसार, भारतीय कंपनी ने रूस से तेल खरीद पर करीब 6 से 7 लाख बैरल प्रतिदिन तक घटा दिया है।

मयू शू ने कहा, "अभी चीन के लिए खरीदारी का बहुत अच्छा मौका है, क्योंकि भारत पर ट्रंप का दबाव जारी है। कीमतें कम हैं, इसलिए अगले एकदो हफ्तों में और भी रिफाइनरियां ज्यादा खरीद सकती हैं।"

रॉयटर्स के मुताबिक, चीन ने अक्टूबर और नवंबर महीने की डिलीवरी के लिए रूस से 15 कार्गो खरीद लिए हैं। साल 2022 में यूक्रेन पर रूस ने हमले किए थे। इसके बाद से पश्चिमी देशों ने रूस से तेल खरीदना बहुत कम कर दिया था। इसके बाद से ही रूस का भारत खरीदार बनकर उभरा था, जो कम दामों पर समुद्री मार्ग से तेल खरीदने का काम करता था।

एनालिस्ट शू का कहना है कि चीन डेली करीब 12 लाख बैरल रूसी तेल समुद्री मार्ग से खरीदता है, लेकिन वह भारत की कमी पूरी नहीं कर सकता है। भारत रूस से रोजाना करीब 17 लाख बैरल तेल खरीदता है। उन्होंने कहा, "अगर भारत खरीदना बंद रखता है तो यह रूस के लिए बड़ी समस्या होगी। चीन अकेले भारत की पूरी मात्रा नहीं ले सकता।"

Created On :   20 Aug 2025 11:53 PM IST

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