FATF की नई रिपोर्ट: फिर ब्लैकलिस्ट उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार, नेपाल समेत 18 देश ग्रे-लिस्ट में शामिल, जबकि कई देशों को सूची से किया बाहर

फिर ब्लैकलिस्ट उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार, नेपाल समेत 18 देश ग्रे-लिस्ट में  शामिल, जबकि कई देशों को सूची से किया बाहर
एफएटीएफ ने उत्तर कोरिया को लेकर कहा है अवैध हथियार कार्यक्रम और धन शोधन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। डीपीआरके से वित्तीय लेनदेन सीमित करें, उसकी बैंकों की शाखाएं बंद करें और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंध लागू करें।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विश्वभर में आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग पर निगरानी रखने वाली ग्लोबल संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने अपनी नई ताजा समीक्षा रिपोर्ट जारी की है। एफएटीएफ की रिपोर्ट में उत्तर कोरिया (डीपीआरके), ईरान और म्यांमार को फिर से काली सूची में रखा है। एफएटीएफ का कहना है कि इन तीनों देशों की धन शोधन विरोधी और आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी व्यवस्था में कई गंभीर कमियां हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि ये तीनों देश अपने वादे से मुखर गए है या पूरा नहीं कर पाए हैं और इससे अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल सिस्टम को जोखिम बना हुआ है। एफएटीएफ की रिपोर्ट में नेपाल समेत 18 देशों को 'ग्रेलिस्ट' में स्थान मिला है।

ब्लैकलिस्ट में ऐसे देशों को रखा जाता जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंक वित्तपोषण से निपटने में बेहद कमजोर हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं। इनके खिलाफ सख्त प्रतिबंध और वित्तीय बहिष्कार लागू किए जाते हैं। वहीं ग्रेलिस्ट में ऐसे देश होते है जो अभी सुधार की प्रक्रिया में हैं, लेकिन जोखिम बने हुए हैं। अगर सुधार नहीं हुआ, तो इन्हें ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है।

आपको बता दें एफएटीएफ की रिपोर्ट में म्यांमार को अक्टूबर 2022 में ब्लैकलिस्ट में रखा गया था। म्यांमार ने जो वादे किए उन पर प्रोग्रेस नहीं की, एफएटीएफ ने चेतावनी दी थी कि अगर अक्टूबर 2025 तक सुधार नहीं हुए, तो और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

एफएटीएफ ने उत्तर कोरिया को लेकर कहा है अवैध हथियार कार्यक्रम और धन शोधन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। डीपीआरके से वित्तीय लेनदेन सीमित करें, उसकी बैंकों की शाखाएं बंद करें और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के तहत प्रतिबंध लागू करें।

एफएटीएफ ने नेपाल, अल्जीरिया, अंगोला, बुल्गारिया, कैमरून, कोट डी आइवोर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, केन्या, लाओस, मोनाको, नामीबिया, दक्षिण सूडान, सीरिया, वेनेज़ुएला, वियतनाम सहित 18 देशों की प्रगति की समीक्षा की। इसमें नेपाल को फरवरी 2025 में ग्रेलिस्ट में रखा गया था।

म्यांमार को वित्तीय खुफिया जानकारी के इस्तेमाल, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अवैध संपत्तियों की जब्ती पर और अधिक काम करने की जरूरत है। ईरान ने 2018 में समाप्त हुए अपने एक्शन प्लान को अब तक पूरा नहीं किया है। हालांकि उसने अक्टूबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र के एक आतंक वित्तपोषण से जुड़े कानून को अनुमति दी है, लेकिन एफएटीएफ के मुताबिक अब भी कई प्रमुख कमियां बाकी हैं। फरवरी 2020 से ईरान ने कई रिपोर्टें पेश की , लेकिन कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। एफएटीएफ ने सदस्य देशों को कहा है कि वे ईरान से संबंधित वित्तीय संस्थानों पर सख्ती बरतें, नई शाखाएं खोलने की मंजूरी न दें और जोखिमों पर ध्यान दें।

एफएटीएफ ने ग्रेलिस्ट से बुर्किना फासो, मोजाम्बिक, नाइजीरिया और दक्षिण अफ्रीका को प्रगति के आधार पर हटा दिया गया है। वहीं, बोलीविया, हैती, लेबनान, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स (यूके) और यमन ने अपनी रिपोर्ट पेश करने को टाल दिया है। एफएटीएफ ने कहा कि ग्रेलिस्ट वाले देशों से एन्हांस्ड ड्यू डिलिजेंस (अतिरिक्त जांच) की मांग नहीं की गई है, लेकिन उनसे उम्मीद की जाती है कि वे अपने एक्शन प्लान को तय समय में पूरा करें।


Created On :   25 Oct 2025 8:25 AM IST

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