औरंगजेब कब्र मामला: औरंगजेब की कब्र पर जांच के लिए पहुंची एनआईए, नागपुर हिंसा के सारे राज खरोचेगी टीम, 90 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार

- औरंगजेब की कब्र हटाने पर बवाल
- एनआईए टीम पहुंची कब्र पर
- 91 आरोपियों को किया गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नागपुर में हुई हिंसा में अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने दस्तक दे दी है। एनआईए के अधिकारियों की तरफ से छत्रपति संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र का दौरा भी किया गया है। साथ ही वहां पर पुलिस अधिकारियों से मिलकर शुरुआती जानकारी भी हासिल की है। एनआई के सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों की तरफ से औरंगजेब की कब्र और उसके आसपास के इलाकों का इंस्पेक्शन करेंगे। अधिकारियों ने वहां के सीनियर पुलिस अधिकारियों से मिलकर उन स्थितियों का भी जायजा लिया है जो हिंसाग्रस्त थे।
नागपुर हिंसा में बांग्लादेश का हाथ?
औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर 17 मार्च से ही बवाल मचा हुआ है। इसमें डीसीपी के साथ कई अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। हमलावरों ने गाड़ियों को तोड़ा, पेट्रोल के बम फेंके, पथराव किया और कई घरों पर भी हमला किया है। इस मामले में ही कई सारी एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं, वहीं 90 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने दावा किया है कि इस भड़की हुई हिंसा में बांग्लादेशी कनेक्शन नजर आया है।
हिंसा का मास्टरमाइंड कौन?
हिंसा का मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। बता दें, फहीम खान को कोर्ट की तरफ से 21 मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेजा गया है। मास्टरमाइंड पर 500 से ज्यादा दंगाइयों को इकट्ठा करके और हिंसा को भड़काने का आरोप लगा है। फहीम खान के साथ ही छह और आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह का केस दर्ज हुआ है।
कैसे भड़की थी हिंसा?
औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने सोमवार प्रदर्शन किया था। जिसको लेकर नागपुर में अफवाह फैली थी कि धार्मिक चिह्न वाले चादर को जला दिया गया है। इसको लेकर ही विरोध प्रदर्शन शुूरू कर दिया गया और इसने ही हिंसा का रूप ले लिया था। कई गाड़ियों को आग के हवाले भी कर दिया गया था। हिंसा में कई सारे पुलिसकर्मी और आम लोग भी जख्मी हो गए थे। पुलिस ने भी इसको लेकर तीन थानों में कई सारी एफआईआर दर्ज की थी और करीब 50 से भी ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए थे। पुलिस ने अभी 1250 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें से सिर्फ 200 लोगों की पहचान हुई है।
Created On :   21 March 2025 4:31 PM IST