अदालत ने देवास के सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया

अदालत ने देवास के सीईओ रामचंद्रन विश्वनाथन को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया
Devas CEO Ramachandran Vishwanathan declared fugitive economic offender
ईडी ने बाद में एक अलग मामला दर्ज किया था।

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रामचंद्रन विश्वनाथन को यहां की एक विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया है। 21वें अतिरिक्त सिटी सिविल और सत्र न्यायाधीश, जो सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश भी हैं, ने गुरुवार को विश्वनाथन को एक भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित किया। अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 की विभिन्न धाराओं के तहत दायर एक आवेदन की अनुमति दी।ईडी द्वारा 2018 में दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में विश्वनाथन नौ अभियुक्तों में से एक हैं। उन पर इसरो की वाणिज्यिक शाखा एंट्रिक्स कॉरपोरेशन से प्राप्त 579 करोड़ रुपये में से 85 प्रतिशत को अमेरिका में भेजने का आरोप है।


यह निवेश 2005 में हस्ताक्षरित एंट्रिक्स कॉपोर्रेशन के साथ एक सैटेलाइट (उपग्रह) डील के तहत प्राप्त हुआ था। डील के तहत, देवास को दूरस्थ क्षेत्रों में मल्टीमीडिया सेवाएं प्रदान करने के लिए इसरो के दो उपग्रहों का उपयोग करना था। हालांकि, 2011 में सरकार द्वारा इस सौदे को रद्द कर दिया गया था।

विशेष लोक अभियोजक पी. प्रसन्ना कुमार ने अदालत से विश्वनाथन को एफईओ घोषित करने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की गुहार लगाई थी। प्रधान विशेष न्यायाधीश केएल अशोक ने कहा कि विश्वनाथन के खिलाफ एक गैर-जमानती (एनबीडब्ल्यू) वारंट सक्रिय है।

समन के जवाब में आरोपी के अदालत में पेश नहीं होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया था। न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम की धारा 2 (एफ) के तहत आवश्यकता स्पष्ट रूप से विश्वनाथन पर लागू होती है।ट्रायल कोर्ट ने दिसंबर 2022 में उसके सामने पेश होने के लिए दो नोटिस जारी किए थे। उन्हें विदेश मंत्रालय के माध्यम से नोटिस भेजा गया था लेकिन वह सुनवाई में शामिल नहीं हुए।

भारतीय मूल के व्यवसायी और अमेरिकी नागरिक विश्वनाथन ने 2004 में देवास की स्थापना की थी और उपग्रहों के निर्माण के लिए कई सौदों पर हस्ताक्षर किए थे।नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने 2021 में देवास मल्टीमीडिया का परिसमापन किया था। सीबीआई ने आरोपी के खिलाफ मामला शुरू किया था और ईडी ने बाद में एक अलग मामला दर्ज किया था।


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Created On :   10 Jun 2023 4:17 PM IST

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