नए राष्ट्रपति 'रामनाथ कोविंद' के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप

10 Important things to know about new president Ramnath Kovind
नए राष्ट्रपति 'रामनाथ कोविंद' के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
नए राष्ट्रपति 'रामनाथ कोविंद' के बारे में ये बातें नहीं जानते होंगे आप
डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश को आज नए राष्ट्रपति के रूप में रामनाथ कोविंद मिल गए हैं। उन्हें आज चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने संसद भवन के सेंट्रल हॉल में पद की शपथ दिलाई। आज से उनका नया आवास राष्ट्रपति भवन होगा। लेकिन कभी वो उत्तरप्रदेश के एक छोटे से गांव में रहा करते थे। आज हम आपको देश के 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के बारे में कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं, जो शायद नहीं जानते होंगे आप। 
 
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रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 को उत्तप्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था। उनहोंने कानपुर यूनिवर्सिटी से B.com और LLB की पढ़ाई की है। कोविंद ने दिल्ली हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस की है। 
 
रामनाथ कोविंद 1994 में पहली बार उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद चुने गए। इसके बाद वो 2000 में फिर राज्यसभा के लिए चुने गए। 
 
वो 2002 में यूनाइटेड नेशंस में भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, उन्होंने इस असेंबली में हिंदी में भाषण दिया था। 
 
रामनाथ कोविंद पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के पर्सनल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। इसके अलावा वो BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुके हैं। 
 
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उन्होंने 1991 में BJP ज्वॉइन की। कोविंद 1998 से 2002 तक BJP दलित मोर्चा के अध्यक्ष और ऑल इंडिया कोली समाज के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। 
 
रामनाथ कोविंद को 8 अगस्त 2015 को बिहार का गवर्नर नियुक्त किया गया था। वो बिहार के 35वें गवर्नर बने थे।
 
रामनाथ कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी और उनके दो बच्चे भी हैं। उनके बेटे का नाम प्रशांत कुमार और बेटी का मान स्वाति है। 
 
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कोविंद उस वक्त बुरी तरह विवादों में घिर गए थे, जब उन्होंने कहा था कि इस्लाम और ईसाई धर्म भारत के लिए विदेशी है। उन्होंने ये बयान 2010 में थे। 
  
रामनाथ कोविंद 1977 से 1979 तक दिल्ली हाइकोर्ट में केंद्र सरकार के वकील रह चुके हैं। इसके अलावा 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार की स्टैंडिंग काउंसिल में भी रह चुके हैं। 
 
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कोविंद हमेशा से ही SC, SCST और महिलाओं के हक के लिए लड़ते रहे हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि जब कोविंद वकील थे तब उन्होंने गरीब दलितों के लिए मुफ्त में कानूनी लड़ाई भी लड़ी।
 

Created On :   25 July 2017 2:30 PM IST

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