मदरसे में कैद मिली 11 साल की बच्ची, बताई मौलवी की दरिंदगी
डिजिटल डेस्क, गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा मासूम बच्चियों से रेप के मामले में फांसी का प्रावधान करने पर भी दरिंदगी की ये घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। ऐसा ही एक हैवानियत वाला मामला साहिबाबाद में सामने आया है। यहां एक 11 साल की मासूम बच्ची को मदरसे में बंधक बनाकर मौलवी द्वारा उसके साथ लगातार दुष्कर्म किया गया। पीड़ित बच्ची ने यह आपबीती मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराते समय बताई।
दरिंदगी का शिकार हुई 11 साल की बच्ची ने मजिस्ट्रेट को बताया कि वह 21 अप्रैल को उसके घर से दुकान जाने के लिए निकली थी। इसी दौरान उसे रास्ते में पड़ोस की एक लड़की मिली। इस लड़की ने उसे एक दोस्त से मिलवाया। वह लड़का ही उसे बातों में लगाकर मदरसे तक ले गया था। यहां मदरसे में उसे कैद कर लिया गया और वह लड़का और मदरसे का मौलवी दोनों उसका रोज यौन शोषण करते थे। बता दें कि आरोपी लड़का भी नाबालिग है और उसकी उम्र 17 साल है।
बच्ची ने बताया कि यौन शोषण करने के बाद उसे कमरे में बंद कर दिया जाता था। मदद के लिए चिल्लाने की आवाज़ें कोई नहीं सुन पाता, क्योंकि बगल वाले कमरों में क्लासेस चलती हैं। पीड़िता ने बताया कि मदरसे में कुछ अन्य लोगों ने भी उसे गलत तरह से छुआ। उनकी पहचान करने की कोशिश भी की जा रही है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब बच्ची को छुड़ाने के लिए पुलिस टीम मदरसे में पहुंची तो वहां का मंजर हैरान करने वाला था। वह मासूम बच्ची एक छोटा सा कपड़ा शरीर पर लपेटे फर्श पर लेटी हुई थी। फर्श पर भी एक चटाई ही बिछी हुई थी, जिस पर मासूम लेटी हुई थी। यह कमरा उस मौलवी के आराम करने के लिए था। क्लास के बाद में और बीच में वह इसी कमरे में आराम करने के लिए आया करता था। बच्ची ने बताया कि वह मौलवी जब मन होता था उसके साथ दरिंदगी करता था।
पता चला है कि मदरसा जिस इमारत में चल रहा था, वह एक स्थानीय मस्जिद कमिटी की है। इस मदरसे में तालीम के लिए इस आरोपी मौलवी को पिछले साल ही नियुक्त किया गया था। पुलिस इस बात की जांच में भी जुटी है कि कहीं मौलवी अन्य बच्चों की किडनैपिंग में तो शामिल नहीं।
नाबालिग आरोपी की कॉल रिकॉर्ड्स ने चौंकाया
पुलिस ने इस मामले में जब नाबालिग आरोपी के कॉल रिकॉर्ड्स चेक किए तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। पुलिस ने जांच में पाया कि जिस दिन पीड़ित बच्ची लापता हुई थी, इस दिन लगातार यह लड़का उस पीड़िता के साथ संपर्क में रहा। इस खुलासे के बाद जब काउंसलिंग की गई तो, लड़के ने कुबूल किया कि वह उस मदरसे का छात्र रहा है और वह तब से पीड़िता को जानता है, जब वह परिवार साहिबाबाद में रहता था। अब कॉल रिकॉर्ड्स खंगालकर क्राइम ब्रांच की टीम यह पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि उसने पीड़िता से यौन शोषण के लिए अन्य किसी से संपर्क किया था कि नहीं।
बड़ा सवाल- मौलवी पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई?
इस मामले में हिंदू संगठन बस एक ही सवाल पूछ रहे थे कि आखिरकार मौलवी पर पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। बता दें कि यह मामला गाजीपुर थाना पुलिस ने 22 अप्रैल की रात को ही बच्ची को साहिबाबाद की नीलमणी कॉलोनी स्थित मदरसे से बरामद कर लिया था। इस दौरान पुलिस मदरसे के मौलवी और एक नाबालिग को हिरासत में लेकर दिल्ली ले गई थी। पुलिस ने नाबालिग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे बाल सुधार गृह भेज दिया, लेकिन मौलवी पर कोई कार्रवाई नहीं की। इसकी जानकारी हिंदू संगठनों को लगते ही सैकड़ों की संख्या में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने मंगलवार सुबह विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की।
हिंदू संगठनों का गुस्सा
मामले में आरोपी मौलवी के खिलाफ कार्रवाई न होने से नाराज कई हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बुधवार सुबह एनएच-24 जाम कर अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान सभी संगठन मौलवी को फांसी की सजा देने की मांग कर रहे थे। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस और महिला कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई। महिलाओं ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने न केवल उनके साथ अभद्रता की बल्कि गलत जगह टच भी किया। करीब चार घंटे के बाद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और यातायात सामान्य किया।
Created On :   26 April 2018 1:51 PM IST