कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) के 14 बागी विधायक अयोग्य करार (लीड-2)
- अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे
- कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले
- रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस और जनता दल-सेकुलर (जद-एस) के 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया
अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे।
23 जुलाई को जब पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी सदन में विश्वास मत लेकर आए, तब 14 विधायक सदन में उपस्थित होने में विफल रहे, जिस कारण 6 वोटों से कुमारस्वामी की सरकार गिर गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने पत्रकारों से कहा कि विधायकों को अयोग्य ठहराने के कारणों में से एक संविधान की 10वीं अनुसूची की धारा 191 (2) है।
उन्होंने कहा, अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद कांग्रेस के 11 और जद-(एस) के 3 विधायक 23 जुलाई को सदन में विश्वास मत के दौरान उपस्थित नहीं रहे। ऐसा करके उन्होंने दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन किया है।
विश्वास मत प्रस्ताव ध्वनि मत से ही गिर गया था इसके बाद उस वक्त विपक्ष के नेता रहे येदियुरप्पा के आग्रह पर मत विभाजन किया गया। 205 सीटों वाली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष और एक प्रस्तावित सदस्य को हटाकर बहुमत की संख्या 103 रह गई थी। गठबंधन सरकार के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि 105 वोट भाजपा के पक्ष में रहे।
पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद विधानसभा में मौजूद नहीं रहने पर 25 जुलाई को कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
अयोग्य घोषित हुए 11 कांग्रेस विधायकों में प्रताप गौड़ा पाटिल (मास्की), बी.सी. पाटिल (हिरेकर), शिवराम हेब्बार (येलापुर), एस.टी. सोमशेखर (यशवंतपुर), बीरती बसवराज (के. आर. पुरम), आनंद सिंह (विजयनगर), आर. रोशन बेग (शिवाजीनगर), मुनिरत्न (आर. आर. नगर), के. सुधाकर (चिक्काबल्लापुर), एम.टी.बी. नागराज (होसकोटे) और श्रीमंत पाटिल (कागवाड) शामिल हैं।
इसी क्रम में अयोग्य करार जद-(एस) के तीन विधायक ए.एच. विश्वनाथ (हुनसुर), नारायण गौड़ा (के.आर. पेटे) और के. गोपालैया (महालक्ष्मी लेआउट) हैं।
राज्य विधानसभा में नए मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा को सोमवार को बहुमत सिद्ध करना है।
येदियुरप्पा ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें मैंने विधानसभा में सोमवार सुबह 10 बजे बहुमत साबित करने का फैसला लिया।
--आईएएनएस
Created On :   28 July 2019 6:30 PM IST