अफगानिस्तान : धमाकों में घायल 14 सिख परिवार पहुंचे भारत, सुनाई जुल्म की दास्तान

14 Sikh families come to India from Afghanistan for the treatment
अफगानिस्तान : धमाकों में घायल 14 सिख परिवार पहुंचे भारत, सुनाई जुल्म की दास्तान
अफगानिस्तान : धमाकों में घायल 14 सिख परिवार पहुंचे भारत, सुनाई जुल्म की दास्तान
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान के जलालाबाद में 1 जुलाई बम धमाका हुआ था।
  • आत्मघाती हमलावर के बम फोड़ देने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
  • धमाकों में जान गंवानेवालों और घायल लोगों के करीब 14 परिवार गुरुवार को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली आए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वो दिन शायद ही कोई भूल सकता है जब अफगानिस्तान के जलालाबाद में बम धमाका हुआ था। यह हमला राष्ट्रपति अशरफ गनी के दौरे के बाद रविवार (1 जुलाई) को पूर्वी अफगानिस्तान के जलालाबाद में सिख अल्पसंख्यकों के एक वाहन पर हुआ था। यहां आत्मघाती हमलावर के बम फोड़ देने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें स्थानीय सिख और हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय के 17 लोग शामिल थे। धमाकों में जान गंवानेवालों और घायल लोगों के करीब 14 परिवार गुरुवार को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली आए हैं। जहां एम्स में उनका इलाज किया जा रहा है। 

एम्स में इलाज करवा रहे नरेंद्र नाम के एक शख्स ने बताया कि हमले में उन्होंने अपने पिता अवतार सिंह खालसा को खो दिया, जो कि जलालाबाद में सिख नेता थे। वह एक भयानक सपने जैसा था, मैंने वहां अक्सर बम फटते देखे थे, लेकिन मैं भी उनमें से किसी एक का शिकार बन जाऊंगा ऐसा सोचा नहीं था। नरेंद्र बताते हैं कि हमले के वक्त उनके पिता का चार गाड़ियों का काफिला राष्ट्रपति अशरफ गनी से मिलने जा रहा था, तभी अचानक एक बम फटा, मैंने देखा कि कुछ लोगों ने वहीं दम तोड़ दिया। मेरे जैसे घायल लोग एक दूसरे की मदद से गाड़ियों से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे कि दूसरा बम फट गया।

इसी धमाके में मनमीत सिंह और उनके पिता भी मारे गए। उस भयानक मंजर को याद करते हुए मृतक मनमीत की मां कहती हैं, "मेरी बेटी भागती हुई मेरे पास आई और बोली मां हम दोनों विधवा हो गए। मैंने उसे एक चाटा लगाया। लेकिन जब मैं उस दिन घर के बाहर निकली तो देखा कि कुछ लोग भागते हुए आए और चिल्लाने लगे कि कुछ सिख लोगों को आतंकियों ने मार दिया है।" फिर मैं खुद भागती हुई धमाके वाली जगह पर गई, लेकिन पुलिस ने मुझे काफी दूर ही रोक लिया था।

हमले में मारे गए राजू सिंह नाम के शख्स चार छोटे बच्चे हैं। मृतक राजू की मां ने बताया कि उनके दो बेटों की मौत पहले ही हो चुकी थी। इसके बाद हादसे में एक और बेटे को खो दिया। रोते-रोते वो कहती है अब तो पति का साथ भी नहीं रहा, ऐसे में अब परिवार के बच्चों और 5 औरतों का खर्च चलाना उनके लिए मुश्किल हो गया है।

ऐसे चल रहा हैं इनका गुजारा
भारत आने के कोई अपने रिश्तेदार के साथ तो कोई गुरुद्वारे का सहारा लेकर यहां ठहरे हैं। यह सभी रोजाना वेस्ट दिल्ली के रघुबीर नगर में मौजूद काबुली गुरुद्वारा जरूर जाते हैं। जहां इन्हें खान-पान के लिए मदद भी मिल रही है। गुरुद्वारे की मैनेजमेंट कमिटी केअध्यक्ष मनजीत सिंह कहते हैं, "इन परिवारों की हालत बेहद खराब है। हम हरसंभव मदद कर रहे हैं।"

हादसे पर पीएम ने जताया था दु:ख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा करते हुए मृतकों के परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "हम रविवार को अफगानिस्तान में हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। यह अफगानिस्तान की बहुसांस्कृतिक संरचना पर हमला है। शोकग्रस्त परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि हमले में घायल लोग जल्द ठीक हो जाएं। अफगानिस्तान के इस दुख भरे क्षण में भारत उसके सहयोग के लिए तैयार हैं।"

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी कड़ी निंदा की है।

Created On :   21 July 2018 9:10 AM GMT

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