राज्यसभा से 40 सांसद हुए रिटायर, PM बोले- मेरा दरवाजा हमेशा खुला रहेगा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा से बुधवार को 40 सांसद रिटायर हो गए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सभी सांसदों के लिए एक फेयरवेल स्पीच दी, जिसमें उन्होंने सभी सांसदों को योगदान देने के लिए धन्यवाद कहा। पीएम मोदी ने कहा कि रिटायर हो रहे सांसदों के लिए आज से सदन के दरवाजे भले ही बंद हो जाएं, लेकिन पीएमओ के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये सांसद ही हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को जिंदा रखा है।
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें :
- मैं आप सबकी महान सेवा के लिए सभी को धन्यवाद देता हूं और आपके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। राज्यसभा एक प्रतिष्ठित सभा है और ये हमारे लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
- हर सांसद सोचता है कि मैं अपने कार्यकाल में कोई खास मुद्दा उठाकर जाऊं, जो हमेशा याद रखा जाए लेकिन इस सेशन में ये नहीं हो पाया। कल तक तो ऐसा भी लग रहा था कि आज बोलने का मौका मिलेगा या नहीं।
- बहुत से लोग होंगे, जिनी इच्छा रही होगी कि आखिरी सेशन में कुछ ऐतिहासिक भाषण के साथ विदाई लें, लेकिन जाते-जाते ये सौभाग्य आप लोगों को नहीं मिला। इसके लिए हम सभी की जिम्मेदारी है।
- तीन तलाक जैसे मुद्दे पर बहस में आप लोग शामिल नहीं हो पाएंगे। इसकी कुछ न कुछ कसक आज नहीं तो 20-25 साल बाद जरूर होगी।
- मैं चाहता हूं कि आप ऐसा न सोचें कि यहां से जाने के बाद सदन के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं, लेकिन आपके लिए प्रधानमंत्री ऑफिस हमेशा खुला है। आपको जब भी मौका मिले, मेरे पास आएं और अपने अनुभव साझा करें।
- प्रधानमंत्री मोदी ने प्रोफेसर कुरियन, दिलीप टर्की और सचिन तेंदुलकर का जिक्र करते हुए कहा कि इनकी कमी बहुत खलेगी।
गुलाम नबी आजाद के भाषण की बड़ी बातें :
- मैं रिटायर हो रहे सभी सांसदों का आभारी हूं और नए सांसदों का स्वागत करता हूं। कोई भी राजनेता कभी रिटायर नहीं होता। रिटायर हो रहे सांसदों से रोजाना मुलाकात होगी।
- खास तौर से मैं नरेश अग्रवाल जी को धन्यवाद देना चाहता हैं। वो एक ऐसे सूरज हैं, जो इधर से डूबे और उधर से उग गए। मुझे उम्मीद है कि वो जिस पार्टी में गए है, उनकी भाषा का ख्याल रखेंगे।
- अगर आज किसी ने लोकतंत्र को देश में जिंदा रखा है, तो वो सांसद ही हैं।
- आज कई सांसद रिटायर हो रहे हैं, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि ये विदाई है, जुदाई नहीं। संसद के सेंट्रल हॉ में दोनों सदनों के सदस्य मिलते हैं और पूर्व सांसद भी मिल जाते हैं।
- हमने कभी सभापति के खिलाफ प्रदर्शन नहीं किया। हमने हमेशा बैंकों में लूटमार, किसानों और गरीबों के मुद्दे उठाए हैं, लेकिन सदन के साथी हमें ऐसा नहीं करने दे रहे हैं।
बिना भाषण दिए ही रिटायर हो गए सांसद
बुधवार को भी राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ, जिसके कारण रिटायर हो रहे सांसद अपना भाषण नहीं दे पाए। इस बात पर सभापति और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि "क्या अब हमारे में रिटायर हो रहे सांसदों के प्रति इतना भी सद्भाव नहीं बचा है कि हम उनके अनुभव साझा कर सकें।" उन्होंने कहा कि "सदस्यों के इस रवैये के कारण सदन की गरिमा दांव पर लग गई है। रिटायर हो रहे सदस्यों का विदाई भाषण सदन की कार्यवाही का जरूरी अंग है। नारेबाजी के लिए ये समय सही नहीं है।"
Created On :   28 March 2018 12:37 PM IST