कृषि कानून : जावडेकर ने कहा, विपक्ष बिचौलियों के दलाल की तरह काम कर रहा

Agricultural law: Javadekar said, opposition is acting like middleman broker
कृषि कानून : जावडेकर ने कहा, विपक्ष बिचौलियों के दलाल की तरह काम कर रहा
कृषि कानून : जावडेकर ने कहा, विपक्ष बिचौलियों के दलाल की तरह काम कर रहा
हाईलाइट
  • कृषि कानून : जावडेकर ने कहा
  • विपक्ष बिचौलियों के दलाल की तरह काम कर रहा

पणजी, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने रविवार को कहा कि विपक्ष नए कृषि कानूनों का विरोध कर बिचौलियों या दलालों की भूमिका निभा रहा है। जावडेकर का दावा है कि इन कानूनों का उद्देश्य बेहतर उत्पादकता, अधिक निवेश, नई तकनीक और बेहतर बीज, और कृषि उपज का अधिक निर्यात है।

जावडेकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश की लगभग 60 प्रतिशत आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है, लेकिन भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उनका योगदान सिर्फ 10 से 15 प्रतिशत के आसपास था, जिसमें सुधार की आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा, नए कानूनों की वजह से केवल दलालों का नुकसान हुआ है। कृषि क्षेत्र में सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि जहां किसान को कम कीमत (अपनी उपज के लिए) मिलती है, उपभोक्ता को अधिक भुगतान करना पड़ता है। बिचौलियों, जिनका उत्पादन में कोई हाथ नहीं होता, वे सबसे ज्यादा कमाते हैं। वे (विपक्ष) चिल्ला रहे हैं क्योंकि दलालों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कभी-कभी, मुझे लगता है कि विपक्ष दलालों का दलाल बन गया है। यह एक मूल मुद्दा है। जावडेकर नए कानूनों का महत्व किसानों के समूहों को समझाने के लिए गोवा के दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि किसानों ने इन नए बदलावों का स्वागत किया है और भविष्य में भी यही होगा। विपक्ष हारेगा। वे कुछ भी करने में सक्षम नहीं होंगे क्योंकि झूठ ज्यादा दिन टिकता नहीं है और सत्य कायम रहता है। हम सच्चाई के साथ हैं जबकि विपक्ष झूठ के साथ खड़ा है।

उन्होंने कहा कि अनुबंध खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि भूमि का स्वामित्व नहीं बदलेगा। केवल उगाई गई फसल (भूमि पर) ही अनुबंध का हिस्सा होगी। किसान अपनी उपज को अच्छी कीमत पर बेच सकेंगे।

जावडेकर ने कहा कि भारत में कृषि उपज वैश्विक मानकों की तुलना में आधी है। उत्पादकता में सुधार करना महत्वपूर्ण है। यह केवल उन्नत प्रौद्योगिकी और नए बीजों और नए निवेश के साथ बेहतर होगा। इन कानूनों के कारण नया निवेश तेजी से आएगा।

उन्होंने कहा कि नए कृषि कानूनों का विरोध राजनीति करने के लिए किया जा रहा है, वह भी खासकर पंजाब में, लेकिन अधिकांश किसान समूह नए कानूनों के समर्थक हैं।

जावडेकर ने कहा, किसान संगठन भी इन कानूनों के साथ हैं। देश में विरोध प्रदर्शन कहां हैं? केवल पंजाब में छोटे पैमाने पर हो रहे, क्योंकि वे (विपक्ष) वहां सत्ता में हैं। कुछ छोटे छिटपुट विरोध ठीक हैं क्योंकि हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है।

वीएवी-एसकेपी

Created On :   4 Oct 2020 2:00 PM IST

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