एयरसेल-मैक्सिस मामला : चिदंबरम के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई, ईडी को मिला 1 माह

Aircel-Maxis case: CBI, ED got 1 month for investigation against Chidambaram
एयरसेल-मैक्सिस मामला : चिदंबरम के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई, ईडी को मिला 1 माह
एयरसेल-मैक्सिस मामला : चिदंबरम के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई, ईडी को मिला 1 माह
हाईलाइट
  • एयरसेल-मैक्सिस मामला : चिदंबरम के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई
  • ईडी को मिला 1 माह

नई दिल्ली, 3 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में जारी अपनी जांच के सिलसिले में ब्रिटेन और सिंगापुर को भेजे अनुरोधपत्र पर जवाबी रिपोर्ट हासिल करने के लिए मंगलवार को एक और महीने का अतिरिक्त वक्त दिया है।

अदालत ने दोनों केंद्रीय एजेंसियों को एयरसेल-मैक्सिस मामले में जांच के लिए अब दो दिसंबर तक का वक्त दिया है।

विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल संजय जैन की ओर से जांच के लिए अधिक समय का अनुरोध करने पर यह अनुमति प्रदान की।

जैन ने केंद्रीय जांच ब्यूरो और ईडी की ओर से पेश होते हुए अदालत को सूचित किया कि देशों एलआर भेजे गए हैं, लेकिन अभी तक इनका कोई जवाब नहीं मिला है, इसलिए उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए। न्यायाधीश कुहर ने उनकी मांग मानते हुए दो दिसंबर तक के लिए मामले को स्थगित कर दिया है।

इससे पहले हुई सुनवाई में एंजेसियों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील ने अदालत से कहा था कि अनुरोधपत्र भेजा गया है, लेकिन जवाब नहीं मिला है। दलीलों को सुनने के बाद उस समय अदालत ने मामले की सुनवाई तीन नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी थी।

सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल संजय जैन ने सीबीआई और ईडी की ओर से पेश होते हुए दलील दी कि अनुरोधपत्रों पर रिपोर्ट का अभी इंतजार है तथा ब्रिटेन और सिंगापुर में सक्षम प्राधिकारों को अनुरोधपत्र पर रिपोर्ट भेजने में तेजी लाने के लिए स्मरणपत्र भेजा गया है।

संजय जैन ने अदालत को बताया कि ईडी ने सिंगापुर को तीन रिमाइंडर 17 सितंबर, 12 अक्टूबर और 30 अक्टूबर को भेजे थे, जबकि ब्रिटेन को भी 12 अक्टूबर, 19 अक्टूबर और 30 अक्टूबर को मामले में शीघ्रता से अमल करने के लिए रिमाइंडर भेजे गए, मगर अभी तक भी उनके जवाब का इंतजार है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत से कहा कि अधिकारियों ने बहुत सक्रियता और कठोरता से इसका पालन किया है। उन्होंने अदालत से इस मामले में अतिरिक्त समय देने का अनुरोध किया, जिसे अदालत ने मान लिया और फिर मामले को स्थगित कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि अनुरोधपत्र एक तरह के न्यायिक अनुरोध होते हैं, जिन्हें जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालतें तब जारी करती हैं, जब वह अन्य देश से कोई सूचना या जानकारी चाहती हैं।

मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी की कथित अनियमितताओं से संबंधित है। 2006 में मंजूरी तब मिली थी, जब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे।

सीबीआई यह जांच कर रही है कि कार्ति चिदबंरम ने 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से किस तरह से मंजूरी प्राप्त की। उस वक्त उनके पिता वित्तमंत्री थे। वहीं ईडी इस मामले में धन शोधन के पहलू की जांच कर रही है। सीबीआई और ईडी ने आरेाप लगाया है कि पी. चिदंबरम ने संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहने के दौरान कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस करार को मंजूरी दी और इसकी एवज में रिश्वत ली थी।

एकेके/एसजीके

Created On :   3 Nov 2020 12:01 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story