बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण 2.90 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण 19 जिलों में 2 लाख 90 हजार 395 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ है। इसके चपेट में राज्य की 102 तहसीलों के 3724 गांव आए हैं। शनिवार को प्रदेश के कृषिमंत्री पांडुरंग फुंडकर ने यह जानकारी दी। कृषि मंत्री ने बताया कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण सबसे अधिक नुकसान अमरावती में हुआ है। अमरावती जिले के 510 गांवों में करीब 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ है। जबकि बुलढाणा के 330 गांव में 41 हजार हेक्टेयर की फसलें नष्ट हुई हैं। वहीं जालना में 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें खराब हुई हैं।
गेहूं, चना, ज्वार, मक्का, प्याज और रबी की फसल बर्बाद
कृषि मंत्री ने कहा कि इस आपदा में गेहूं, चना, ज्वार, मक्का, प्याज और रबी की फसलें और फलों का नुकसान हुआ है। कृषि मंत्री ने बताया कि फसलों के नुकसान का पंचनामा अभी शुरू है। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण अमरावती, बुलढाणा, यवतमाल, अकोला, वाशिम, चंद्रपुर, गोंदिया, वर्धा, नागपुर, भंडारा, गडचिरोली, लातूर, उस्मानाबाद, हिंगोली, बीड़, जालना, परभणी, नांदेड़ और जलगांव जिला प्रभावित हुआ है।
गेहूं और खड़ी फसलें चौपट
उधर नागपुर जिले में आंधी-तूफान के साथ हुई ओलावृष्टि के कारण गेहूं और खड़ी फसलें चौपट हो गई। संतरा-अनार बर्बाद हो गए। केले के बगीचे भी तहस-नहस हो गए। जिले के करीब 125 गांवों पर ओलावृष्टि का असर होने का अनुमान है। हालांकि सर्वेक्षण में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। सर्वेक्षण करते समय प्रत्येक किसान की उसके खेत के सर्वेक्षण रिपोर्ट पर हस्ताक्षर लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। सावरगांव में संतरे का भारी नुकसान हुआ। सिंदी उमरी सावरगांव में संतरे का भारी नुकसान हुआ। कृषि मंत्री के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान अमरावती में हुआ। 510 गांवों में करीब 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की फसल बर्बाद हो गई।
Created On :   18 Feb 2018 3:36 PM IST