भारतीय  महिलाओं में बढ़ रहा है गुस्सा और तनाव: रिपोर्ट

Anger and stress on the rise among Indian women: Report
भारतीय  महिलाओं में बढ़ रहा है गुस्सा और तनाव: रिपोर्ट
बदलते दौर में टेंशन भारतीय  महिलाओं में बढ़ रहा है गुस्सा और तनाव: रिपोर्ट
हाईलाइट
  • महिलाओं में पुरुषों की तुलना में ज्यादा गुस्सा
  • रोष और आक्रोश

डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। पिछले कुछ समय से भारतीय महिलाओं में गुस्सा और तनाव बढ़ना तेजी से देखा जा रहा है। अमेरिका की एक रिसर्च संस्था गैल्प वर्ल्ड पोल ने दुनियाभर की महिलाओं के मानसिक हालात को लेकर एक सर्वे किया है, इस सर्वे में सामने आया है कि बीते दशक से महिलाओं में लगातार टेंशन, गुस्सा और चिंता बढ़ रही है , पिछले 10 सालों  में अमेरिका से लेकर अफ्रीका , एशिया से यूरोप तक इन समस्याओं का ग्राफ तेजी से बदल रहा है। महिलाएं  पहले की तुलना में अब  ज्यादा  तनाव और  गुस्सा में रहने लगी हैं।

पिछले एक दशक में लोगों के मानसिक ,  हालात जानने और  उनकी भावनाओं  को  समझने के लिए  गैल्प वर्ल्ड पोल ने  2012 से 2021  तक 150 देशों के 12  लाख  लोगों पर  सर्वें  किया,  इस  सर्वें में उन्होनें बताया कि  10  साल  पहले 2012  में  महिलाओं और  पुरुषों  में गुस्सा व  तनाव का स्तर समान देखा गया था, लेकिन  10  साल से महिलाओं   में गुस्सा  व  तनाव   पुरुषों  की  तुलना  में ज्यादा  बढ़ा हैं ।   वो पहले की तुलना में अब  ज्यादा गुस्सैल  होने लगीं  हैं ।

सर्वे में ये भी सामने आया कि  गुस्सा, उदासी, अवसाद और  घबराहट जैसे नकारात्मक एहसासों को पुरुषों के मुकाबले  महिलाओं ने  ज्यादा  महसूस  किया हैं ।  अगर  आंकड़ों पर गौर किया जाए तो सामने आता है कि  दुनियाभर  में महिलाओं  में आक्रोश का स्तर पुरुषों की अपेक्षा से  6 % अधिक हैं। भारत की महिलाओं में गुस्से का ये स्तर और अधिक पाया गया है। 

भारत  और पकिस्तान  की  महिलाओं  में तनाव  और  गुस्से  का  स्तर  दुनिया  से दो गुना  यानी 12  प्रतिशत से  ज्यादा हैं।  भारत में जहां पुरुषों  में गुस्से का स्तर 27.8 % हैं  , जबकि  महिलाओं  में गुस्से का स्तर  40.6 प्रतिशत पाया गया।   कोरोना काल के दौरान गुस्सा के इस स्तर में और बढ़ोत्तरी देखने को मिला।   ये बात  2020  में"  इंग्लैंड  के इंस्टीटयूट ऑफ फिस्कल  स्टडीज"  के  एक सर्वें में भी  साफ  हुई ।

भारत में 5000  महिलाओं  पर किए गए  सर्वें  में ये बात सामने आई कि  लॉकडाउन  के समय घरेलू  कामकाज की  जिम्मेदारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा  उठाई,  महिलाओं को घर के साथ - साथ ऑफिस  का भी  काम  संभालना पड़ा । इसके अलावा महिलाओं को समान ऑफिस वर्क के लिए पुरूषों की अपेक्षा कम वेतन मिलना चिंता का विषय है।  यहीं वजह कि  महिलाओं में पुरुषों की तुलना में  ज्यादा गुस्सा ,रोष और आक्रोश देखने को मिला। 

घरों में  पितृसत्ता सोच  होने की वजह  से महिलाओं को तमाम पांबादियों का भी सामना करना पड़ता हैं। जो महिलाओं  में गुस्सा चिंता, तनाव बढ़ने का बड़ा कारण माना जाता हैं । महिलाओं में बढ़ती शिक्षा, रोजगार और आर्थिक निर्भरता भी टेंशन बढ़ने के प्रमुख कारणों में शामिल है।             
    
 

Created On :   9 Dec 2022 7:28 AM GMT

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