किसानों के लिए केंद्र के खिलाफ अन्ना हजारे ने भरी हुंकार, आज से हड़ताल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में आज फिर से रामलीला मैदान में हजारों की भीड़ इकट्ठा होने वाली है। समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने जा रहे हैं। बस फर्क इतना है कि पिछली बार के उलट इस बार उनके निशाने पर केंद्र की मोदी सरकार है। इस बार अन्ना की डिमांड किसानों के हक के लिए ठोस कदम उठाए जाने को लेकर है। इस बार अन्ना किसानों की आय सुनिश्चित, करने, पेंशन, खेती के विकास के लिए ठोस नीतियों समेत कई मांगों को लेकर सुबह से धरने पर बैठे हैं।
Anti corruption crusader #AnnaHazare at Rajghat this morning ahead of heading to his agitaiton venue. He continues to demand the implementation of #LokPal #SaveOurFarmers pic.twitter.com/SEYr593udf
— Payal Mehta (@payalmehta100) March 23, 2018
दिल्ली पुलिस से मिली अनुमति
दिल्ली पुलिस की तरफ से अन्ना को रामलीला मैदान में शुक्रवार से विरोध प्रदर्शन की अनुमति मिल गई है। सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी गई है। बता दें कि अन्ना हजारे और उनके समर्थकों ने महाराष्ट्र सदन से सबसे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। अन्ना शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदी पार्क भी गए। इसके बाद वह रामलीला मैदान के लिए रवाना हुए। यही वो जगह पर 2011 में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और अनशन किया था।
क्या हैं इस बार अन्ना की मांगें?
अन्ना हजारे ने कहा कि "आपको याद होगा कि हम 16 दिनों तक सिर्फ पानी पर अनशन पर दिल्ली में बैठे थे और अंत में सरकार को झुकना पड़ा था। जिसके बाद कानून तो बन गया है, लेकिन यह अब ठीक से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा कहना है कि सरकार के नियंत्रण में जो भी आयोग है जैसे कृषि मूल्य आयोग चुनाव आयोग नीति आयोग या इस तरह के अन्य आयोग से सरकार का नियंत्रण हटना चाहिए। इसके साथ ही उसे संवैधानिक दर्जा मिलना चाहिए। ऐसे किसान जिसके घर में किसान को कोई आय नहीं है उसे 60 साल बाद 5000 हजार रुपया पेंशन दो। संसद में किसान बिल को पास करो, क्योंकि हमारा संविधान सभी को जीने का अधिकार देता है। अन्ना बोले कि इस बार जो लड़ाई आर-पार की होगी।
किसान आंदोलन के लिए देश भ्रमण कर रहे अन्ना
बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन अहमदनगर जाकर उनसे मिले थे, कि वह किसी तरह अन्ना को धरने पर बैठने से रोक ले, लेकिन अन्ना नहीं माने। गिरीश महाजन ने बताया कि लोकपाल और किसानों को लेकर अन्ना की कई मांगें हैं, जो तुरंत पूरी नहीं हो सकतीं। उन्होंने अन्ना हजारे से सत्याग्रह वापस लेने की अपील की थी। इससे पहले पटना के दौरे पर पहुंचे समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा था कि जिस सूचना के अधिकार कानून को उन्होंने लड़ कर बनवाया था वो कानून आज कमजोर हो चुका है। समाजसेवी अन्ना हजारे कई महीनों से किसान आंदोलन को लेकर देशभर में भ्रमण कर रहे हैं। अपनी सभाओं से अन्ना किसानों के लिए न्यूनतम मूल्य, फिक्स आमदनी की वकालत करते आए हैं।
किसी राजनीतिक पार्टी को जगह नहीं
अन्ना का कहना है कि वो इस आंदोलन में सिर्फ किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। वहीं, अन्ना की ओर से साफ कहा गया है कि इस आंदोलन में किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति को जगह नहीं दी जाएगी। अन्ना ने साफ किया कि अगर कोई भी राजनीतिक जल आंदोलन में शामिल होना चाह उसे भीड़ के साथ जगह मिलेगी। मंच पर किसी भी दल को जगह नहीं दी जाएगी।
Created On :   23 March 2018 8:40 AM IST