आंदोलन में शामिल होने का न्यौता देने पर अन्ना हजारे ने दिल्ली भाजपा प्रमुख को झिड़का

Anna Hazare rebuked Delhi BJP chief for inviting him to join the movement
आंदोलन में शामिल होने का न्यौता देने पर अन्ना हजारे ने दिल्ली भाजपा प्रमुख को झिड़का
आंदोलन में शामिल होने का न्यौता देने पर अन्ना हजारे ने दिल्ली भाजपा प्रमुख को झिड़का

अहमदनगर (महाराष्ट्र), 28 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने हाल ही में विख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को एक पत्र लिखा है, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ एक विरोध प्रदर्शन करने का अनुरोध किया गया है।

इस पत्र का जवाब देते हुए मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए महाराष्ट्र के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि देश की कोई भी पार्टी लोगों को उज्‍जवल भविष्य नहीं दे सकती है और न ही उनकी समस्याओं का समाधान कर सकती है। यही कारण बताते हुए अन्ना ने लिखा, मेरे दिल्ली आने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

आदेश गुप्ता को लिखे गए पत्र में अन्ना हजारे ने कहा, आपकी भारतीय जनता पार्टी पिछले छह साल से ज्यादा वक्त से देश की सत्ता संभाल रही है। आपकी पार्टी में बड़ी संख्या में युवक होते हुए और विश्व में सबसे ज्यादा पार्टी सदस्य होने का दावा करने वाली पार्टी के नेता मंदिर में 10 बाय 12 फीट के कमरे में रहने वाले 83 साल के अन्ना हजारे जैसे फकीर आदमी को, जिसके पास धन-दौलत और सत्ता नहीं है, उसे को दिल्ली में आंदोलन करने के लिए बुला रहे हैं।

अन्ना ने अपने पत्र में लिखा, केंद्र में आपकी सरकार है। दिल्ली सरकार के भी कई विषय केंद्र सरकार के अंतर्गत हैं। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए कठोर कदम केंद्र सरकार ने उठाए, ऐसा दावा हमेशा प्रधानमंत्री करते हैं।

उन्होंने कहा, अगर ऐसा है और अगर दिल्ली सरकार ने भ्रष्टाचार किया है तो क्यों उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई आपकी ही सरकार नहीं करती? या भ्रष्टाचार निर्मूलन के केंद्र सरकार के सब दावे खोखले हैं?

अन्ना हजारे ने कहा कि उन्होंने किसी पक्ष और पार्टी को देखते हुए आंदोलन नहीं किया है, बल्कि गांव, समाज और देश की भलाई का सोचकर ही आंदोलन किया है।

अन्ना ने कहा कि उन्होंने 22 साल की अपनी लड़ाई में भ्रष्टाचार के खिलाफ 20 भूख हड़ताल की हैं और यह सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में इस बात से परेशान हुए बिना किया गया कि किस पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है।

अन्ना ने कहा, 2011 में जब लोग भ्रष्टाचार से तंग आ गए थे और जब मैंने आंदोलन किया और इसके समर्थन में दिल्ली और देश की जनता सड़क पर उतर आई थी। इसके बाद 2014 में आपकी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाकर सत्ता में आई, लेकिन जनता की परेशानी में कोई कमी नहीं हुई।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद रखने वाले अन्ना ने कहा, वर्तमान हालात में देश की कोई भी पार्टी देश को उज्जवल भविष्य दे पाएगी, ऐसा मुझे नहीं लगता। सत्ता से पैसा और पैसों से सत्ता, इस चक्र में बहुत-सी पार्टियां लगी हुई हैं। सत्ता कोई भी पक्ष या पार्टी की क्यों न हो, जब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी, तब तक लोगों को राहत नहीं मिलेगी।

हजारे ने सलाह दी कि एक पक्ष को सिर्फ दूसरे पक्ष की पार्टी के दोष दिखते हैं, मगर कभी खुद में भी झांककर देखना चाहिए और खामियों के खिलाफ आवाज बुलंद करनी चाहिए।

एकेके/आरएचए

Created On :   28 Aug 2020 8:00 PM IST

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