UPSC में तीन बार नाकाम रहने वाले अनुदीप इस तरह बने टॉपर

डिजिटल डेस्क,हैदराबाद । UPSC के सिविल सर्विस फाइनल रिजल्ट 2017 में 28 वर्षीय अनुदीप डुरीशेट्टी ने टॉप किया है। खास बात ये है कि इस बार अनुदीप की ये पांचवीं और आखिरी कोशिश थी। अनुदीप भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर तैनात हैं। अपनी सफलता की कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि ये सफर हर तरह से रोमांचक रहा। UPSC एग्जाम क्रैक आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और सच ये है कि अब वो एक टॉपर हैं। उन्होंने बताया कि ये उनका पांचवां प्रयास था। इससे पहले वो तीन बार नाकाम रहे और ये सफर भी आसान नहीं था। हालांकि अब वो अपनी इस उपलब्धि से बेहद खुश हैं। अनुदीप ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का आभारी हूं जिन्होंने मेरा साथ दिया।
नतीजे घोषित होते ही अनुदीप को बधाइयां मिलने लगीं। अनुदीप को 2014 की UPSC टॉपर ईरा सिंघल ने फेसबुक पर अनुदीप को बधाई दी। ईरा सिंघल ने अपनी फेसबुक पोस्ट में एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "क्यूल्स क्लब रॉक!! व्हाट अ क्रेजी ब्यूटीफुल लाइफ!! दस लाख बार बधाई Anudeep और nandu !! मैं विश्वास नहीं कर सकती कि हम कितने दूर आए हैं और यह कितना अद्भुत दिन है! मेरे दो प्यारे दोस्तों के लिए आज का दिन है कि मेरे पास वो दिन था जब हमने ये फोटो लिया था। इसलिए आप पर गर्व है और सेवा में आपका स्वागत है !! आप दोनों अपनी उपलब्धियों के लिए सभी शुभकामनाओं के लायक हैं! इस क्लिक को दोहराने के लिए इंतजार नहीं कर सकते!! "
बता दें यहां नंद कुमार किशोर को ईरा नंदू कह रहीं हैं। नंद कुमार किशोर पहले से सेविल सेवा में IPS के पद पर हैं, लेकिन एक बार फिर उन्होंने ये परीक्षा दी और टॉपर्स में अपनी जगह बनाई है।
जगितल जिले में स्थित मेटपल्ली के रहने वाले अनुदीप के पिता डॉ मनोहर उत्तरी पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, तेलंगाना में सहायक मंडल अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। वहीं, उनकी मां डॉ. ज्योति गृहणी हैं।
अनुदीप ने मेटपल्ली स्थित श्री सूर्योदय हाई स्कूल से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने बिट्स पिलानी से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटशन में बीटेक किया। अनुदीप बताते हैं कि जब मैं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, उसी समय मुझे सिविल सर्विस में दिलचस्पी पैदा हुई। मैंने काफी पढ़ाई की लेकिन पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली। इसके बाद हैदराबाद में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर गूगल में नौकरी शुरू कर दी। इस दौरान मैंने सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी जारी रखी।
इसके बाद अनुदीप ने दूसरी बार साल 2013 में यूपीएससी की परीक्षा दी। इसमें उनका चयन बतौर आईआरएस हुआ। वो कहते हैं कि "आईएएस बनने का मेरी कोशिश इसके बाद भी नहीं रुकी। मैंने तैयारी करते हुए यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन अगले दो प्रयास भी खाली गए। इस साल मेरा आखिरी प्रयास था और भगवान की दया से मैंने इस परीक्षा में टॉप कर लिया।"
अनुदीप कहते हैं, "फुटबॉल मेरे जीवन का हमेशा से अहम हिस्सा रहा है। मैं खूब खेलता भी हूं और खूब देखता भी हूं। जब भी तनाव होता है तो इसे तनाव दूर करने के लिए भी इस्तेमाल करता हूं। इसके अलावा मुझे पढ़ने का बहुत शौक है। मैं फिक्शन (काल्पनिक कहानियां) ज्यादा नहीं पढ़ता बल्कि असल विषयों पर किताबें पढ़ता हूं।"
हरियाणा के सोनीपत की रहने वाली अनु कुमारी दूसरे स्थान पर हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से भौतिकी में बीएससी (ऑनर्स) करने वाली अनु को महिला अभ्यर्थियों में शीर्ष रैंक प्राप्त हुई है। उन्होंने आईएमटी नागपुर से एमबीए किया है। अनु की इस सफलता पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी ट्वीट कर बधाई दी है। पानीपत के गांव दिवाना के रहने वाले बलजीत सिंह की बेटी अनु कुमारी का तकनीकी रूप से ये दूसरा प्रयास था।
बता दें कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2017 के बीच यूपीएससी ने सिविस सर्विस का फाइनल एग्जाम करवाया था। इस परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा, भारतीय विदेश सेवा और अन्य केंद्रीय सेवाओं (ग्रुप ए और ग्रुप बी) के लिए चयन किया जाता है।
Created On :   28 April 2018 8:32 AM IST